नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में ओबीसी (OBC) को लुभाने के लिए जाति जनगणना (Caste Census) का कार्ड खेलने वाली कांग्रेस (Congress) को एक और बड़ा फायदा होता दिख रहा है. जबलपुर में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से 40 मिनट की मुलाकात के बाद ओबीसी महासभा (OBC Mahasabha) ने कांग्रेस उम्मीदवारों को समर्थन देने का ऐलान किया है. बैठक के दौरान कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कहा कि ”पिछड़ा वर्ग की जाति जनगणना और अधिकारों को लेकर मैं बिल्कुल स्पष्ट हूं.मेरा काम बातें करना नहीं है, जो बोलूंगा वह करूंगा.”
इस बात की जानकारी देते हुए कांग्रेस सांसद विवेक तंखा ने कहा कि महासभा के इस निर्णय के बहुत दूरगामी परिणाम होंगे. ओबीसी महासभा के सदस्य वैभव सिंह ने बताया कि 10 नवंबर को कांग्रेस के समस्त ओबीसी और एससी-एसटी प्रत्याशियों को समर्थन पत्र जबलपुर में राहुल गांधी को सौंपा गया. इस दौरान कांग्रेस के मध्यप्रदेश प्रभारी महासचिव रणजीत सिंह सुरजेवाला और राज्यसभा सदस्य विवेक तंखा भी मौजूद थे.
राहुल गांधी ने ओबीसी महासभा के पदाधिकारी से लगभग 40 मिनट तक चर्चा की. इस दौरान प्रमुख रूप से ओबीसी महासभा के अध्यक्ष डॉ. बृजेंद्र यादव, लीगल सेल प्रभारी श्याम सुंदर यादव, महावीर राजपूत एवं वैभव सिंह लोधी द्वारा तमाम विषयों पर चर्चा की गई. प्रदेशाध्यक्ष डॉ बृजेंद्र यादव ने राहुल गांधी को साफ किया कि समर्थन सिर्फ पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति के कुल 141 प्रत्याशियों को लेकर है.उन्होंने राहुल गांधी से सरकार बनने की स्थिति में पिछड़ा वर्ग को संपूर्ण संवैधानिक अधिकार देने का आश्वासन मांगा. ओबीसी महासभा की ओर से कहा गया कि 54 साल के शासन काल में कांग्रेस ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को तो अधिकार दिए लेकिन पिछड़ा वर्ग को नहीं दिए. वर्तमान में अगर कांग्रेस को अपना समर्थन देते हुए पिछड़ा वर्ग गंभीर है तो पिछड़ा वर्ग लेकर कांग्रेस को भी गंभीर रहना होगा.
वैभव सिंह के मुताबिक राहुल गांधी ने आश्वासन दिया है कि वह खुद और कांग्रेस पिछड़ा वर्ग अधिकारों को लेकर सौ प्रतिशत गंभीर हैं.सरकार बनने की स्थिति में सबसे पहले जाति जनगणना कराएंगे ताकि वस्तु स्थिति समझ में आए. उन्होंने कहा कि पिछड़ा वर्ग के संपूर्ण संवैधानिक अधिकार मिलना चाहिए. राज्यसभा सदस्य विवेक तंखा ने ट्वीट किया, ” इतिहासिक निर्णय. विधान सभा चुनाव 2023 में कांग्रेस के समस्त ओबीसी एवं एससी/एसटी प्रत्याशियों को भारत के सबसे बड़े पिछड़ा वर्ग सामाजिक संगठन ‘ओबीसी महासभा’ का संपूर्ण समर्थन.पिछड़ा वर्ग अधिकारों को लेकर कांग्रेस के कृत संकल्पित होने के कारण महासभा के निर्णय का निर्णय का बहुत दूरगामी परिणाम होगे.राहुल गांधी जी की उपस्थिति में इसकी घोषणा हुई.”
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने ओबीसी वर्ग के 59 और बीजेपी ने 64 उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा है. शिवराज सरकार के मुताबिक मध्य प्रदेश में ओबीसी की आबादी 50.9% है. यह आंकड़ा सरकार ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के सामने भी एक मामले में रखा था. कांग्रेस ने ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण देने का वादा भी दिया है. ओबीसी महासभा अपने साथ एससी एसटी वर्ग को भी अधिकार की बात करते हुए लंबे समय से आंदोलन चलाए हुए हैं.
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