भोपाल। मध्य प्रदेश के शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह (MP Education Minister Rao Uday Pratap Singh) का एक बयान सरकार के लिए परेशानी बन गया है। दरअसल अतिथि शिक्षकों (Guest Teachers) को लेकर शिक्षा मंत्री ने कहा था कि वह मेहमान की तरह हैं। मेहमान बनकर आओगे और घर में कब्जा कर लोगे क्या इस बयान के बाद अतिथि शिक्षकों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। वहीं विपक्ष ने भी सरकार को जमकर घेरा पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने तो मंत्री का इस्तीफा भी मुख्यमंत्री से लेने के लिए आग्रह कर दिया।
नेता प्रतिपक्ष और अन्य नेताओं ने भी शिक्षा मंत्री को निशाने पर लिया। लगातार बढ़ते दबाव को देखते हुए स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने अतिथि शिक्षकों को लेकर दिए बयान पर खेद व्यक्त किया है। जिसके बाद अतिथि शिक्षकों ने सवाल किया कि क्या इससे जो भावनाएं आहत हुई है, उस पर मरहम लग जाएगा? मंत्री ने सिर्फ खेद जताया है, माफी नहीं मांगी।
अथिति शिक्षक संघ के प्रदेश सचिव रविकांत गुप्ता ने कहा कि खेद व्यक्त करना से क्या होगा, माफी मांगनी चाहिए। सुरक्षित भविष्य और जिन 8 सुत्रीय बिंदुओं में सहमति बनी है, उनके आदेश तत्काल जारी किया जाए। आपके बयान से आपकी भावना क्या है, यह मालूम पड़ गया है। हमारी मांग पूरी की जाए वरना, 2 अक्टूबर को गांधी जयंती पर बड़ा प्रदर्शन करेंगे।
नरसिंहपुर पहुंचे प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह से मुख्य सवाल अतिथि शिक्षकों को लेकर पूछा गया। इस पर सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि एक विषय निकला तो मैंने कहा कि पदनाम से ही विभाग में अतिथि हैं। बाकि प्राथमिकता हम दे सकते हैं। वे हमारे अपने बच्चे हैं। कहीं कोई विसंगति नहीं है।जिन्होंने शिक्षण व्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान किया तो वे हमारे अपने हैं। मैं इस पर खेद व्यक्त करता हूं। मुझे कोई संशय और संकोच नहीं है।
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