नई दिल्ली। गुजरात की सबसे अहम नर्मदा परियोजना (Narmada Project) के तहत गुजरात सरकार (Gujarat Government) का मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र तथा राजस्थान सरकार पर करीब 7000 करोड़ रुपया बकाया है। नर्मदा जिले के केवडिया में सतपुड़ा तथा विंध्याचल पर्वत माला के बीच निर्मित 138 मीटर ऊंचे सरदार सरोवर बांध (Sardar Sarovar Dam) का निर्माण गुजरात, महाराष्ट्र तथा राजस्थान को सिंचाई व पीने के लिए पानी उपलब्ध कराने तथा गुजरात एवं महाराष्ट्र को बिजली उपलब्ध कराने के लिए कराया गया।
प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक निरंजन पटेल (Senior MLA Niranjan Patel) के एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल (Chief Minister Bhupendra Patel) ने सदन को बताया कि राज्य को अभी तक तीन अन्य भागीदारी वाले राज्यों से पूंजीगत शेयर लागत, संचालन और रखरखाव लागत के लिए 7,225.10 करोड़ रुपये की वसूली करनी है। मध्य प्रदेश का बकाया 4,953.42 करोड़ रुपये है, इसके बाद महाराष्ट्र का 1,715.67 करोड़ रुपये और राजस्थान का 556.01 करोड़ रुपये बकाया है। नर्मदा पोर्टफोलियो (Narmada Portfolio) संभालने वाले मुख्यमंत्री ने एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
सीएम पटेल ने कहा कि पिछले दो वर्षों में महाराष्ट्र ने 38.16 करोड़ रुपये का भुगतान किया, जबकि राजस्थान ने 12.41 करोड़ रुपये दिए। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार ने इस अवधि के दौरान कुछ भी भुगतान नहीं किया। पटेल ने कहा कि तीन राज्यों से बकाया वसूलने के लिए राज्य सरकार ने अक्टूबर 2021 और जनवरी 2022 में नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण (Narmada Control Authority) की बैठकों में प्रतिनिधित्व किया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मुद्दे के जल्द समाधान के लिए गुजरात की ओर से इस संबंध में एक अभ्यावेदन दिए जाने के बाद एक समिति और एक उप-समूह समिति का गठन किया गया है, जिसमें भाग लेने वाले सभी चार राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सरदार सरोवर नर्मदा निगम लिमिटेड (Sardar Sarovar Narmada Nigam Limited) हर महीने तीन अन्य राज्यों के विभिन्न संबंधित अधिकारियों को पत्र लिखकर बकाया चुकाने के लिए कह रहा है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved