उज्जैन (ujjain) । मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के देवास (Dewas) में गजरा गियर चौराहे से कब्रिस्तान (Graveyard) के रास्ते को लेकर वहां के लोग और प्रशासन आमने-सामने आ गए हैं। लोगों ने अपने घरो के बहार प्रशासन का विरोध करते हुए पोस्टर (posters) लगाए हैं। पोस्टर में लिखा है कि ‘प्रशासन की दादागिरी की वजह से हिन्दू अपने मकानों को बेचने के लिए बाध्य है’।
कब्रिस्तान के रास्ते को लेकर प्रशासन द्वारा धारा 144 लगाई गई है। मामले को लेकर भाजपा सांसद ने प्रशासन से बातचीत कर विवाद को सुलझाने के लिए कहा है। वहीं मामले में स्थानीय लोगों द्वारा विधायक के शामिल होने के आरोप लगाए जा रहे हैं। गौरतलब है कि उस स्थान पर लंबे समय से विवाद चल रहा है। दोनों ही पक्ष अपना-अपना इस पर अधिकार बताते आए हैं। इसी कब्रिस्तान पहुंच मार्ग पर प्रशासन द्वारा आज नया रास्ता बनकर दिया जा रहा है जिसका रहवासी विरोध कर रहे हैं।
देवास के स्टेशन रोड स्थित कब्रिस्तान की जमीन को लेकर 4 समाजो में विवाद चल रहा है। 13 जनवरी को मंसूरी समाज के लोग जनाजा लेकर पहुंचे तो अन्य समाज के लोग वहां पहुंच गए और जनाजे को रोक दिया। उसके बाद विवाद की स्थिति बन गई। जनाजे को ले जाने पर दो समुदाय के लोग आमने-सामने आ गये थे। मौके पर पहुंची जिला प्रशासन की टीम ने स्थिति को संभाला। इस दौरान उसके बाद एसडीएम बिहारी सिंह ने दोनों समाज के लोगों से बातचीत कर यथास्थिति बनाए रखने की बात कही। दरअसल स्टेशन रोड स्थित कब्रिस्तान की जमीन को लेकर 4 समाजों का न्यायालय में प्रकरण चल रहा है। जिसकी अगली तारीख 19 मार्च 24 न्यायालय ने दी हुई है।
स्थानीय लोगों ने किया विरोध
देवास के स्टेशन रोड स्थित मरघट और कब्रिस्तान की जमीन को लेकर एक बार फिर से विवाद गर्मा रहा है। नगर निगम की टीम शुक्रवार को गजरा गियर्स से पुलिस लाइन जाने वाले मार्ग के पास अतिक्रमण हटाने जेसीबी लेकर पहुंची थी। जब पता लगा कि यहां से कब्रिस्तान के लिए रास्ता देने की तैयारी हो रही है तो स्थानीय पार्षद शीतल गेहलोत और स्थानीय लोगों ने विरोध किया। शनिवार को भी स्थानीय लोग मौके पर धरना देने बैठे है और विरोध जता रहे हैं।
घरो के बाहर लगाए पोस्टर
गजरा गियर्स से पुलिस लाइन जाने वाले मार्ग के घरों के बाहर स्थानीय लोगों ने पोस्टर लगा दिए हैं। पोस्टर में घर बेचने की बात लिखी है। प्रशासन द्वारा जिस स्थान पर कब्रिस्तान की जमीन के लिए रास्ता दिया जा रहा है। फिलहाल वहां पर कच्चे पक्के मकान बने हुए हैं। ऐसे में वहां के रहवासी रास्ता देने का विरोध कर रहे हैं। क्षेत्र के लोगों ने अपने घरों के बाहर पोस्टर लगा रखे है। जिसमें लिखा है कि देवास प्रशासन की दादागिरी के कारण हम हिंदू अपने मकानों को बेच रहे हैं।
गौरतलब है कि क्षेत्रीय पार्षद का शीतल गेहलोत का कहना है कि इस जगह पर से कोई रास्ता नहीं है। कब्रिस्तान के विवाद पर लीपापोती करने के लिए प्रशासन द्वारा हिन्दू बहुल क्षेत्र से गरीब लोगों को हटाकर यहां से कब्रिस्तान के लिए रास्ता दिया जा रहा है। जिस जमीन से रास्ता बताया जा रहा है वह सिख समाज के लोगों की जमीन है। माता की टेकरी से आने वाले श्रद्धालु यहां से निकलते हैं।
इस मामले में एएसपी जयवीर सिंह भदौरिया ने बताया कि उक्त कब्रिस्तान व मरघट की जमीन को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। इसे लेकर पिछले दिनों दो-तीन बार प्रदर्शन भी हुआ। सभी जगह पर्याप्त व्यवस्था लगाई गई है। कलेक्ट्रेट पर ज्ञापन देने का था। एक विशेष क्षेत्र में धारा 144 लगाई गई है। सभी उसका पालन करें। किसी भी प्रकार की असंवैधानिक गतिविधि करने की कोशिश करेगा उसको बख्शा नहीं जाएगा।
मामले को लेकर कलेक्टर और जिला दंडाधिकारी ऋषभ गुप्ता ने आमजन की सुरक्षा और शांति व्यवस्था बनाए रखने के मद्देनजर स्टेशन रोड स्थित विवादित स्थल और उसके आसपास के 100 मीटर क्षेत्र के लिए दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 (1) के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए है। आदेश में कहा गया की स्टेशन रोड स्थित विवादित स्थल की सीमा क्षेत्र के 100 मीटर दायरे में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक स्थान पर एक समय में 5 या 5 से अधिक लोग एकत्रित नहीं होंगे। स्टेशन रोड स्थित विवादित स्थल के मुख्य द्वार को बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के खोलना प्रतिबंधित किया है। बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के कोई भी व्यक्ति स्टेशन रोड स्थित विवादित स्थल में प्रवेश नहीं करेगा।
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