भोपाल (Bhopal)। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh’) की चर्चित डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे (famous Deputy Collector Nisha Bangre ) की विधानसभा चुनाव (assembly elections) लड़ने की उम्मीद अभी भी बाकी है. इस्तीफा मंजूर नहीं (resignation not accepted) होने से परेशान (Upset) चल रहीं छतरपुर की डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court ) से बड़ी राहत मिली हैं.इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जबलपुर हाई कोर्ट (Jabalpur High Court) से जल्द फैसला करने को कहा है।
डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने जबलपुर हाईकोर्ट को आदेश दिए हैं कि वह निशा के इस्तीफे के मामले में जल्द कोई फैसला करें.डिप्टी कलेक्टर पद से स्थित देने के बाद राज्य शासन द्वारा इस्तीफा मंजूर नहीं किए जाने को लेकर निशा ने जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. इस मामले में पिछले गुरुवार को हुई सुनवाई एक हफ्ते टल गई थी,जिसके बाद निशा बांगरे ने सुप्रीम कोर्ट को रुख किया था।
कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य एवं सीनियर एडवोकेट विवेक तन्खा ने बताया कि निशा ने इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने निशा का इस्तीफा स्वीकार करने के मामले में हाई कोर्ट को जल्द निर्णय लेने के आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा कि अब एक-दो दिन में इस मामले में हाईकोर्ट से निर्णय हो सकता है।
दरअसल,पिछले गुरुवार को सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने निशा बांगरे के इस्तीफे के मामले में राज्य शासन को निर्देश दिए थे कि वह लंबित जाँच पर यथोचित कार्रवाई करे.चीफ जस्टिस रवि मलिमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा की खंडपीठ ने मामले पर अगली सुनवाई 20 अक्टूबर को निर्धारित की थी।
यहां बताते चले कि बैतूल निवासी डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे की याचिका पर हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने 25 सितंबर को एक आर्डर पास किया था.कोर्ट ने सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव को निर्देश दिए थे कि यदि निशा बांगरे अपने खिलाफ लगे आरोपों को स्वीकार करती हैं,तो उनके ऊपर लंबित अनुशासनात्मक कार्रवाई 10 दिन में पूरी करें.इसके बाद निशा ने अपने ऊपर लगे आरोपों को स्वीकार कर लिया था.इसी बीच राज्य सरकार ने एकलपीठ के आदेश के खिलाफ डिवीजन बेंच में अपील पेश कर दी.10 अक्टूबर को चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली डिवीजन बेंच ने एकलपीठ के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी.मामले पर गुरुवार को सुनवाई के दौरान निशा की ओर से बताया गया कि उन्होंने बिना शर्त आरोप स्वीकार कर लिए हैं.कोर्ट ने शासन को कार्रवाई आगे बढ़ाने के निर्देश दिए.वहीं,शासन की ओर से बताया गया कि निशा ने इस बीच पुनः धरना-प्रदर्शन किया है और उनका आचरण लगातार अनुचित रहा है.कोर्ट ने इस पर सरकार को नए आरोप लगाने स्वतंत्रता दी।
वहीं,निशा बांगरे का कहना है कि उनका इस्तीफा जल्द मंजूर हो गया और कांग्रेस ने उन्हें आमला से प्रत्याशी बनाया तो वे चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं.अपना इस्तीफा स्वीकार करने की मांग को लेकर निशा मांगने ने आमला से भोपाल तक पदयात्रा भी की थी.भोपाल में मुख्यमंत्री निवास की तरफ कूच करते समय निशा की पुलिस से झड़प हो गई थी और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।
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