राजगढ़। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में लंबे समय से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर ज्ञापन, आवेदन और निवेदन (memoranda, applications and requests) करते आ रहे दिव्यांगजनों (persons with disabilities) आक्रोशित हो गए। इसके बाद प्रदर्शनकारियों की जिद के आगे कलेक्टर (collector) को भी झुकना पड़ गया। कलेक्टर वापस आए और ज्ञापन लेकर दिव्यांगजनों की की बात भी सुनी।
दरअसल, मामला राजगढ़ (Rajgarh) जिला मुख्यालय का है, जहां गुरुवार को अपनी सात सूत्रीय मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे दिव्यांगजनों का पारा उस समय चढ़ गया जब वे अपने शरीर के हिस्से को जमीन पर घसीटते हुए ज्ञापन देने पहुंचे, जिसे वे कलेक्टर को देकर अपनी पीड़ा बयान करना चाहते थे। लेकिन, आधा घंटा उतर जाने के बाद भी कलेक्टर नीचे उतरकर नहीं आए।
इससे नाराज होकर दिव्यांगजनों ने कलेक्ट्रेट परिसर का मुख्य द्वारा घेर लिया और जमीन पर ही लेट गए। इसके बाद करीब आधे घंटे तक न तो कोई वाहन अंदर गया और न ही बाहर आया। सारे वाहन जमीन पर लेटे दिव्यांगजनों के इर्द गिर्द न घूमते रहे। किसी वाहन ने गुजरने का प्रयास किया तो वे उसके सामने आकर लेट गया आखिर में कलेक्टर को नीचे आकर दिव्यांगजनों से ज्ञापन लेना पड़ा और उनकी पीड़ा भी सुननी पड़ी।
गौरतलब है कि राजगढ़ जिला मुख्यालय में ब्यूरोक्रेसी का यह कोई पहला मामला नहीं है। इसके पूर्व में भी ऐसे कई घटनाक्रम सामने आ चुके हैं। गिने चुने मामले में ही कलेक्टर ज्ञापन लेने के लिए नीचे आते हैं। तत्कालीन कलेक्टर निधि निवेदिता के बाद शायद ही कोई कलेक्टर ज्ञापन लेने के लिए नीचे आया हो।
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