भोपाल। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि सुयोग्य नागरिक बनाने में सांस्कृतिक गतिविधियों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से बच्चों में अच्छे संस्कारों और गुणों का विकास होता है। बच्चों में समाहित रचनात्मक प्रतिभा को अवसर प्रदान करने के लिए सांस्कृतिक आयोजन किया जाना जरूरी है। व्यक्ति में वैसे ही गुणों का विकास होता है जैसा उसका बचपन बीतता है इसलिये बचपन में गीत, संगीत, नृत्य और अभिनय सीखना जरूरी है। बचपन का सीखा हुआ पाठ हमेशा याद रहता है और हमें प्रेरणा भी देता है।
राज्यपाल ने यह उद्गार सोमवार शाम को राजभवन के सांदीपनी सभागार में स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित सांस्कृतिक आयोजन में व्यक्त किये। उन्होंने इस अवसर पर कार्यक्रम में भाग लेने वाले प्रत्येक प्रतिभागी को ग्यारह-ग्यारह सौ रुपये देने की घोषणा की।
राज्यपाल पटेल ने राजभवन में निवासरत परिवारों के बच्चों और कमला नेहरू स्कूल की छात्राओं द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रमों की सराहना करते हुए कहा कि आज के इस कार्यक्रम में किसी बच्चे ने गांधी जी, तो किसी ने लक्ष्मी बाई और देवी अहिल्या का किरदार निभाया। हमारे स्वातंत्र्य संघर्ष के प्रतीक टंट्या भील और बिरसामुंडा के रूप में बच्चों ने अद्भूत अभिनय किया। इस अवसर उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि देश का सुयोग्य नागरिक बनाने के प्रयास बचपन से ही शुरू कर देने चाहिये। उन्होंने सभागार में उपस्थित सभी लोगों से आग्रह किया कि कोरोना की त्रासदी में आक्सीजन के संकट को हम सभी ने झेला है इसलिये अपने आसपास पौधरोपण अवश्य करें।
राज्यपाल ने कहा कि 15 अगस्त और 26 जनवरी दो ऐसे अवसर होते हैं जब बच्चे देश भक्ति से संबंधित कार्यक्रमों में बहुत ही उत्साह से भाग लेते हैं। इस तरह के कार्यक्रमों से बच्चों में उत्साह और उमंग के साथ-साथ नैतिकता, साहस, सहयोग और संकल्प जैसे गुण भी विकसित होते हैं।
कार्यक्रम में लता मुंशी के निर्देशन में कमला नेहरू स्कूल की छात्राओं ने भरतनाट्यम शैली में नर्मदा अष्टक प्रस्तुत किया। संघमित्रा तायवाड़े के निर्देशन में बच्चों ने गुरुवंदना एवं सांस्कृतिक नृत्यों की प्रस्तुति दी। राजभवन परिवार के बच्चों ने इम्तियाज अली निर्देशन में देशभक्ति गीत प्रस्तुत किये। (एजेंसी, हि.स.)
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