भोपाल (Bhopal) । बीते दिनों गंगा नदी में गंगा विलास क्रूज (Ganga Vilas Cruise) उतारा गया. इस क्रूज को देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) ने वर्चुअली हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था. दावा किया जा रहा है कि यह देश का सबसे बड़ा क्रूज है. इस बीच इस क्रूज से भी बड़ा क्रूज का निर्माण मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की राजधानी भोपाल (Bhopal) में होने जा रहा है. इस क्रूज का निर्माण खानूगांव (Khanugaon) में हो रहा है. खास बात यह है कि गंगा विलास क्रूज के रेस्टोरेंट में 40 लोगों के बैठने की व्यवस्था है, लेकिन मध्य प्रदेश के भोपाल में निर्माणाधीन क्रूज में 200 लोगों के बैठने की व्यवस्था रहेगी. अनुमान है कि इस क्रूज का निर्माण चार महीने में पूरा हो जाएगा.
बड़ा तालाब में जल्द ही विशालकाय क्रूज
जानकारी के अनुसार राजधानी भोपाल के बड़ा तालाब में जल्द ही विशालकाय क्रूज उतारा जाएगा. इस क्रूज के निर्माण में 18 लोगों की टीम लगी हुई है. बड़े तालाब के किनारे क्रूज के फैब्रिकेशन और असेंबलिंग का काम शुरू किया गया है. क्रूज के निर्माण में गुणवत्ता का खास ध्यान रखा जा रहा है. क्रूज में लगने वाले हर मैटेरियल की जांच इंडियन रजिस्टर ऑफ शिपिंग (IRS) करेगा. आईआरएस से सर्टिफिकेट मिलने के बाद ही मैटेरियल का इस्तेमाल किया जा रहा है.
गंगा विलास से इसलिए है बड़ा
गौरतलब है कि बीते दिनों गंगा नदी में उतारे गए गंगा विलास को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था. इसके साथ ही दावा किया जा रहा था कि यह देश का सबसे बड़ा क्रूज है. इस क्रूज के रेस्टोरेंट में 40 लोग बैठ सकेंगे, लेकिन अब मध्यप्रदेश के भोपाल में जिस क्रूज का निर्माण हो रहा है, उसकी खास बात यह है कि उसके रेस्टोरेंट में एक साथ 200 लोग बैठकर खाना खा सकेंगे. यह क्रूज 36.6 मीटर लंबा, 12 मीटर चौड़ा और 10 मीटर ऊंचा होगा. इसमें 20 सुइट होंगे, जिनमें 150 से 200 लोग एक साथ रुक सकेंगे.
क्रूज की ये है खासियत
राजधानी भोपाल में जिस क्रूज का निर्माण हो रहा है, उसकी खास बात यह है कि क्रूज के बेसमेंट के ऊपर तीन फ्लोर होंगे. फर्स्ट फ्लोर पर बैंक्वेट हॉल, डांस स्पेस और आठ सुइट होंगे. सेकंड फ्लोर पर 12 सुइट होंगे. क्रूज का ऑपरेटिंग केबिन थर्ड फ्लोर पर रहेगा, जिसमें 12 लोग रह सकेंगे. क्रूज का स्ट्रक्चर माइल्ड स्टील का होगा. बीच में 8 मिमी और बॉडी में 6 मिमी मोटी एमएस प्लेट लगी रहेगी. इसका सेंटर ऐसे डिजाइन किया जा रहा है, जिससे पानी की लहरों के बीच क्रूज में बैठे लोगों को झटके न लगें. बता दें कि जैसे ही इस क्रूज की जानकारी राजधानी वासियों को लगी, लोग इस क्रूज की सवारी करने को काफी उत्सुक दिख रहे हैं.
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