भोपाल: मध्य प्रदेश में कांग्रेस (Congress in Madhya Pradesh) ने अपने विधायकों के लिए बड़ा फरमान जारी (Order issued for legislators) किया है. अब प्रदेश में विधानसभा की कार्रवाई के दौरान विधायकों को दो बार सदन में हाजिरी लगानी होगी. बताया जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान (Congress high command) के निर्देश पर यह फैसला लिया गया है. बताया जा रहा है कि सदन में कांग्रेस विधायकों की परफार्मेंस को लेकर आलाकमान खुश नहीं है. इसलिए खुद राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश में कांग्रेस के सभी 64 विधायकों को दो बार हाजिरी लगाने की बात कही है. जिसके बाद अब विधायक सदन में कार्रवाई के दौरान सुबह और फिर शाम को अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे.
दरअसल, मध्य प्रदेश में हाल ही में हुए विधानसभा के बजट सत्र के दौरान कांग्रेस के कई विधायकों की अनुपस्थिति होने की बात सामने आई थी. जिसके बाद कांग्रेस ने सदन में विधायकों की शत प्रतिशत उपस्थिति के लिहाज से यह प्लान बनाया है. फिलहाल मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी लगातार सरकार को लेकर प्रदर्शन और आंदोलन करने में लगी है. ऐसे में पार्टी अब केवल सड़क पर नहीं बल्कि सदन में भी सरकार को पुरजोर तरीके से घेरना चाहती है. 15वीं विधानसभा में कांग्रेस विधायकों की संख्या 96 थी. लेकिन 16वीं विधानसभा में विधायकों की संख्या कम हो गई और फिलहाल केवल 64 ही विधायक हैं.
मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र से यह व्यवस्था कांग्रेस लागू करवाएगी. पार्टी विधायकों की परफार्मेंस तय करेगी और उसी के आधार पर उनकी जिम्मेदारियां भी तय करेगी. खास बात यह है कि सभी विधायकों की अटेंडेंस रिपोर्ट दिल्ली भी भेजी जाएगी, जिसके आधार पर आगे किन विधायकों को क्या जिम्मेदारी दी जानी है यह भी तय किया जाएगा. इसी के चलते कांग्रेस ने सदन में दो बार विधायकों की हाजिरी लगाने के निर्देश दिए हैं.
कांग्रेस आलाकमान ने मध्य प्रदेश में कांग्रेस के पीसीसी चीफ जीतू पटवारी को सरकार को लगातार सड़क से लेकर सदन तक घेरने के निर्देश दिए हैं. इसी लिहाज से दो बार हाजिरी लगाने का फैसला लिया गया है. दरअसल, 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के कई सीनियर विधायक चुनाव हार गए थे. नेता प्रतिपक्ष रहे गोविंद सिंह भी चुनाव हारे थे, जबकि वह सदन में मुख्य सचेतक और सचेतक जैसी जिम्मदारियां भी निभाते थे. इसके अलावा सज्जन सिंह वर्मा, लक्ष्मण सिंह, केपी सिंह, लाखन सिंह यादव, कमलेश्वर पटेल, जीतू पटवारी जैसे दिग्गज नेताओं को भी हार का सामना करना पड़ा था. ऐसे में कांग्रेस अब सदन में कुछ दूसरे विधायकों को नई जिम्मेदारियां दे सकती हैं.
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