भोपाल: मध्य प्रदेश के विधानसभा (Madhya Pradesh Legislative Assembly) में 13 सितंबर से 17 सितंबर तक चलने वाले सत्र को 15 सितंबर के रोज अनिश्चिच कालीन (uncertain carpet) के लिए स्थगित कर दिया गया. वहीं सदन में गुरूवार को कांग्रेस विधायक आदिवासी सुविधा और अपनी सुरक्षा के लिए फूट-फूटकर रोए. इस दौरान उन्होंने बीजेपी विधायक (BJP MLA) से खुद को खतरा बताया और अध्यक्ष से सुरक्षा की मांग की.
कांग्रेस विधायक पांचीलाल मेड़ा ने कहा कि उन्हें बीजेपी विधायक से जान का खतरा है. इसके लिए उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से सुरक्षा की मांग की. उन्होंने कहा कि प्रदेश में आदिवासियों को सुविधाएं नहीं दी जा रही है. इस दौरान वो अपनी समस्या बताते हुए बिलख पड़े और कहा कि अगर उन्हें सदन से सुरक्षा नहीं मिली तो वो राज्यपाल के पास जाएंगे.
कांग्रेस विधायक पांचीलाल मेड़ा के कपड़े फाड़ने वाले बयान से कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने किनारा कर लिया है. लक्ष्मण सिंह ने कहा कि सीसीटीवी कैमरे साफ कर देंगे किसने फाडे कपड़े हैं. हालांकि उन्होंने कहा कि विपक्ष को बोलने का मौका नहीं दिया गया. सरकार अपनी मनमानी कर रही है.
बुधवार को बीजेपी विधायक उमाकांत शर्मा और पांचीलाल मेड़ा के बीच नोखझोंक हो गई थी. इस दौरान उमाकांत शर्मा ने भी सदन से सुरक्षा की मांग करते हुए नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ से खुद को खतरा बताया था. उन्होंने कहा था कि जब सदन के भीतर उनके साथ ये व्यवहार हो सकता है तो सदन के बाहर कुछ भी हो सकता है.
5 दिन चलने वाला विधानसभा सत्र 3 दिन में ही खत्म हो गया है. गुरुवार को सदन सियासी अखाड़ा बन गया, जहां कई मुद्दों पर बीजेपी और कांग्रेस के विधायक आमने-सामने आ गए, जिसके चलते 45 मिनिट के भीतर सरकार ने साढ़े 9 हजार करोड़ का अनुपूरक बजट और 11 विधेयक बिना चर्चा के पास करा लिए. इसके बाद विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई.
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