भोपाल (Bhopal)। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की 16वीं विधानसभा का गठन (Formation of 16th Assembly) हो चुका है। कांग्रेस (Congress) ने आदिवासी वर्ग (tribal community) से आने वाले उमंग सिंघार (Umang Singhar) को नेता प्रतिपक्ष (appointed Leader of Opposition) बनाया है। इसके जवाब में अब भाजपा (BJP) भी आदिवासी वर्ग से आने वाले विधायक को विधानसभा का उपाध्यक्ष बना जातीकरण समीरण साध सकती है। भाजपा हर वर्ग को साधने की रणनीति पर आगे बढ़ रही है। भाजपा ने अन्य पिछड़ा वर्ग से आने वाले डॉ. मोहन यादव को मुख्यमंत्री, अनुसूचित जाति वर्ग से आने वाले जगदीश देवड़ा और ब्राह्मण वर्ग से आने वाले राजेंद्र शुक्ला को उप मुख्यमंत्री बनाया है। वहीं, क्षत्रिय वर्ग से आने वाले नरेंद्र सिंह तोमर का नाम विधानसभा स्पीकर के लिए तय किया है। अब कांग्रेस के आदिवासी नेता को विधानसभा का नेता प्रतिपक्ष बनाने पर भाजपा विधानसभा स्पीकर आदिवासी विधायक को बना सकती है। इस पर रविवार को दिल्ली में होने वाली बैठक में निर्णय लिया जा सकता है। विधानसभा में दलीय स्थिति में भाजपा के पास बहुमत है। ऐसे में चुनाव की स्थिति भी नहीं है।
तीन साल से थे था पद खाली
विधानसभा उपाध्यक्ष का पद 2020 में भाजपा की सरकार बनने के बाद से खाली था। इससे पहले कांग्रेस की 15 माह की सरकार में 10 जनवरी 2019 से 24 मार्च 2020 तक इस पद पर कांग्रेस की आदिवासी वर्ग से आने वाली हिना कांवरे पदस्थ थी। वह इस बार चुनाव हार गई है। भाजपा ने पिछली बार अनुसूचित जाति वर्ग से आने वाले जगदीश देवड़ा को विधानसभा उपाध्यक्ष बनाने का प्रयास किया था, लेकिन कांग्रेस के पास बहुमत होने से सफल नहीं हो पाई।
भाजपा के पास के कई बढ़े चेहरे
भाजपा अनुसूचित जनजाति वर्ग से आने वाले विधायक को उपाध्यक्ष बना कर प्रदेश में जातिगत समीकरण को साधेगी। इसके लिए भाजपा के पास कई बड़े आदिवासी विधायक है। इसमें पूर्व मंत्री विजय शाह, पूर्व सांसद और मंडला से विधायक संपत्तियां उइके, मानपुर से विधायक पूर्व मंत्री और बड़ा चेहरा मीना सिंह, शहपुरा से विधायक ओप्रकाश धुर्वे समेत कई नाम है।
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