दमोह: मध्य प्रदेश के दमोह (Damoh) में एक प्राइवेट स्कूल (private school) पर आरोप था कि यहां हिन्दू छात्राओं (hindu girl students) को भी हिजाब पहनने पर मजबूर किया जा रहा है. छात्राओं के आरोप के बाद हिन्दू सगंठन एक्टिव हुए और मामले ने तूल पकड़ लिया. इसके बाद यह बात सरकार तक पहुंची और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने मामले की जांच के बाद कार्रवाई करने का आश्वासन दिया था. अब सीएम के सख्त और तीखे तेवर के बाद दमोह कलेक्टर ने स्कूल पर कार्रवाई की है और स्कूल यूनिफ़ॉर्म से हिजाब का बंधन हटा दिया गया है.
इतना ही नहीं, कलेक्टर के निर्देश के बाद अब अल्लामा इकबाल के ‘लब पे आती है दुआ’ सरीखे गीत भी नहीं गाए जाएंगे. अब छात्र प्रातः कालीन प्रार्थना में केवल राष्ट्रगान जन गण मन ही गाएंगे. जानकारी के लिए बता दें कि कलेक्टर दमोह ने कहा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सख़्त निर्देश पर स्कूल मामले में गठित समिति की जांच जारी रहेगी और ये पता लगाया जाएगा कि ये नियम किन परिस्थितियों में बनाए गए.
गौरतलब है कि इसी स्कूल का एक पोस्टर सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें टॉप करने वाली बच्चियों की फोटो लगी थी. इन टॉपर्स में कुछ हिन्दू समुदाय की बच्चियां भी थीं, जिन्होंने हिजाब पहना हुआ था. हालांकि, इस मामले में किसी भी छात्रा के परिजनों ने कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई. लेकिन वायरल फोटो के आधार पर कलेक्टर ने जांच के निर्देश दिए. इसके बाद कलेक्टर ने ट्विटर पर जानकारी दी कि वायरल पोस्टर मामला निराधार है और जांच में कोई दोषी नहीं पाया गया.
जानकारी के लिए बता दें कि 2 दिन पहले दमोह के एक निजी स्कूल गंगा-जमुना की छात्राओं ने ये आरोप लगाया था कि उनके ड्रेस कोड में हिजाब जोड़ दिया गया है और उन्हें जबरदस्ती हिजाब पहनने के लिए मजबूर किया जा रहा है. ये बात सामने आने के बाद से हिन्दू संगठन के कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर ऑफिस के सामने प्रदर्शन किया था. साथ ही, स्कूल का रजिस्ट्रेशन कैंसिल कराने की मांग उठाई गई थी. इसके बाद गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा था कि मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक को जांच के निर्देश दिए गए हैं. वहीं, सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी सख्ती दिखाते हुए जांच के आदेश दिए थे.
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