इंदौर । मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के मुख्यमंत्री मोहन यादव (Chief Minister Mohan Yadav) ने प्राचीन कहानियों की मशहूर पुस्तक ‘‘बेताल पच्चीसी’’ की शिक्षाओं का जिक्र करते हुए तख्तापलट से गुजरे बांग्लादेश (Bangladesh) के मौजूदा हालात पर मंगलवार को टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि अव्यवस्था फैलने पर विद्वान अपनी जगह छोड़कर एकांत में चले जाते हैं। आपको बता दें कि बेताल पच्चीसी उज्जैन के सम्राट विक्रमादित्य और बेताल नाम के किरदार की 25 कहानियों पर आधारित किताब है। इसमें उनके जीवन से जुड़ी कहानियां हैं।
यादव ने इंदौर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि बेताल पच्चीसी की कुल 25 कहानियों का सार यही है कि बेताल बहुत बुद्धिमान है, लेकिन जब आक्रांताओं के कारण विक्रमादित्य के पिता का राज-पाट चला जाता है, तो बेताल उनका राज्य छोड़कर एकांत में रहने चला जाता है।
उन्होंने कहा जैसे हम आज बांग्लादेश या अफगानिस्तान में हालात देख रहे हैं। जब अव्यवस्था फैलती है तब विद्वान लोग अपनी जगह छोड़कर एकांत में चले जाते हैं। उस दौर में बेताल भी अपनी जगह छोड़कर एकांत में चला गया था।
उज्जैन यादव का गृहनगर है। वह अपने भाषणों में प्राचीन उज्जैन के सम्राट विक्रमादित्य की गाथाओं का अक्सर जिक्र करते हैं। मुख्यमंत्री ने बेताल पच्चीसी की शिक्षाओं के हवाले से यह भी कहा कि कोई राज्य विकास की राह पर तब आगे बढ़ता है, जब वह अलग-अलग स्थानों पर बिखरी उत्कृष्ट बौद्धिक क्षमताओं को एक जगह जमा करता है।
बांग्लादेश में छात्रों द्वारा किए जा रहे आरक्षण से जुड़े आंदोलनों ने सरकार विरोधी रुख अख्तियार कर लिया। इसके बाद सरकार वहां की स्थिति को संभालने में असफल साबित हुई और प्रधानमंत्री शेख हसीना को इस्तीफा देकर आनन-फानन में देश छोड़कर भागना पड़ा। फिलहाल बांग्लादेश में नई सरकार का गठन हो चुका है। साथ ही शेख हसीना इस समय भारत में शरण लिए हैं। आगे की बदलती स्थिति के अनुसार ही वो निर्णय लेंगी कि भारत में रहना है या किसी और देश में।
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