भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस (Madhya Pradesh Chief Secretary Iqbal Singh Bains) को मिली दूसरी सेवावृद्धि की अवधि 30 नवंबर को समाप्त (Second extension period ends on 30th November) हो रही है। इसके साथ ही प्रदेश में अगले मुख्य सचिव की दौड़ शुरू (race for the next Chief Secretary begins) हो गई है। 30 नवंबर को इकबाल सिंह बैंस (Iqbal Singh Bains) के रिटायरमेंट के बाद एक दिसम्बर से मध्यप्रदेश का मुख्य सचिव कौन होगा, यह चुनाव आयोग तय करेगा। इस समय विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू है, इसलिए केंद्र सरकार कोई भी निर्णय करने से पहले आयोग से मार्गदर्शन लेगी कि बैंस को एक और सेवावृद्धि दी जाए या फिर वरिष्ठता के आधार पर किसी अफसर को प्रभार दिया जाए।
बिदाई की बेला में सख्त मिजाज माने जाने वाले मुख्य सचिव आईएएस अफसरों की सीआर लिखने में मशगूल हैं। इकबाल सिंह की जगह नया मुख्य सचिव पदस्थ होता है तो यह मप्र के लिए पहली बार होगा जब एक मुख्य सचिव की निगरानी में मतदान हुआ और दूसरे की निगरानी में वोटों की गिनती का काम होगा। अगर चुनाव आयोग की मंजूरी से एक नया मुख्य सचिव नियुक्त किया जाता है, तो भी इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि सरकार में बदलाव होने पर मौजूदा अधिकारी बने रहेंगे।
नई सरकार के गठन के बाद, यह मुख्यमंत्री को तय करना है कि किसे मुख्य सचिव के रूप में बनाए रखा जाए। वर्तमान में राज्य में इकबाल सिंह बैंस के बाद दो वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं, जिनमें अजय तिर्की और संजय बंदोपाध्याय का नाम है, लेकिन दोनों ही अधिकारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। इसके साथ ही तिर्की और बंदोपाध्याय के बाद वीरा राणा, जो कि वर्तमान में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की अध्यक्ष हैं, सबसे वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं। इसके अलावा एक अन्य अधिकारी, अनुराग जैन वरिष्ठता में पांचवें स्थान पर हैं और वे भी केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर हैं। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान वरिष्ठता सूची में छठवें स्थान पर हैं। नए दावेदारों में डॉ. राजेश राजौरा, जे.एन. कंसोटिया, शिवनारायण मिश्रा, मलय श्रीवास्तव के नाम भी चर्चाओं में है।
नए मुख्य सचिव को लेकर वल्लभ भवन में भी आईएएस लॉबी में चर्चाएं जोरों पर हैं। 1987 बैच के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अजय तिर्की जो केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर भारत सरकार में पदस्थ हैं, वे 31 दिसम्बर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। ऐसे में वे एक माह के लिए मुख्य सचिव बनने पर अपनी सहमति नहीं देंगे। जिसके बाद 1988 बैच के आईएएस संजय बंदोपाध्याय दूसरे नंबर हैं, जो अगस्त 2024 में रिटायर होंगे। वे मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव के लिए भारत सरकार से वापस आने में अपनी सहमति दे सकते हैं क्योंकि वे बतौर मुख्य सचिव 9 माह तक रहेंगे।
संजय बंदोपाध्याय के मुख्य सचिव बनने की इसलिए भी प्रबल संभावनाएं हैं, क्योंकि उनकी पत्नी 1987 बैच की आईआरएस शोभना बंदोपाध्याय की पोस्टिंग अभी बीते दिनों पहले जनरल मैनेजर वेस्ट सेंट्रल रेलवे जबलपुर में हुई है, जिसके कारण संजय बंदोपाध्याय वापस मध्यप्रदेश आ सकते हैं। संजय बंदोपाध्याय के मुख्य सचिव बनने से 2024 का लोकसभा चुनाव भी संपन्न हो जाएगा, क्योंकि वर्तमान लोकसभा का कार्यकाल 16 जून 2024 तक है और संजय बंदोपाध्याय का रिटायरमेंट अगस्त 2024 में है। यदि किसी कारणवश ऐसा नहीं हुआ तो फिर 1988 बैच की ही आईएएस वीरा राणा की लाटरी लग सकती है। वे मध्यप्रदेश की लंबे समय बाद महिला मुख्य सचिव बनेगी, जो 31 मार्च 2024 को सेवानिवृत्त होगी।
बैंस को मिल चुकी है दो सेवावृद्धि
1985 बैच के इकबाल सिंह बैंस नवम्बर, 2022 में सेवानिवृत्त हुए थे। उन्हें छह-छह माह करके दो बार उन्हें सेवावृद्धि दी जा चुकी है। चूंकि, अब विधानसभा चुनाव की आचार संहिता प्रभावी है, इसलिए निर्णय बिना आयोग का मार्गदर्शन लिए नहीं हो सकता है। सूत्रों का कहना है कि मुख्य सचिव को लेकर स्थिति से अवगत कराते हुए प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जा चुका है। तीन दिसंबर को मतगणना होनी है, इसलिए मुख्य सचिव को लेकर निर्णय अगले सप्ताह हो सकता है। यदि बैंस को सेवावृद्धि दी भी जाती है तो यह एक माह तक के लिए होगी, क्योंकि दिसम्बर के पहले पखवाड़े में 16वीं विधानसभा गठित हो जाएगी। इसके पहले मुख्यमंत्री पद की शपथ भी हो जाएगी। नई सरकार अपने हिसाब से मुख्य सचिव बनाएगी, इसलिए फिलहाल प्रभार देकर भी काम चलाया जा सकता है।
खबर है कि राज्य शासन ने मुख्य सचिव से जुड़ी फाइल को केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय को भेज दिया गया है। जहां से चुनाव आयोग की सहमति के बाद नए मुख्य सचिव का फैसला होगा। मंत्रालय में अफसरों के बीच अगली सरकार को लेकर भी चर्चाओं का दौर गर्माया हुआ है। विधानसभा चुनाव के चलते इस बार प्रदेश में 5 दिसम्बर तक आचार संहिता प्रभावी है। इसके चलते प्रशासनिक अफसरों की प्रमुख पदों पर पदस्थापना संबंधी सभी फैसले चुनाव आयोग की मंजूरी से ही लिए जा रहे हैं। 1 दिसम्बर से पहले मुख्य सचिव का फैसला होना है। सूत्रों का कहना है कि बैंस की सेवावृद्धि के कोई भी निर्देश राज्य सरकार को प्राप्त नहीं हुए हैं, जबकि बताया जाता है कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने बैंस को तीसरी बार सेवावृद्धि दिए जाने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा था, जिससे केंद्र सहमत नहीं है।
सीआर लिखने में व्यस्त हैं बैंस
मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस अपने रिटायरमेंट के पहले करीब 400 आईएएस अधिकारियों की गोपनीय चरित्रावली लिखने में व्यस्त हैं। वल्लभ भवन से कुछ दिन पूर्व सभी जिला कलेक्टरों को कार्मिक विभाग द्वारा मेल भेज दिया गया है कि 20 नवम्बर 2023 के पहले सभी आईएएस अधिकारियों की सीआर लिखी जानी है इसलिए अपने-अपने दस्तावेज और जरूरी जानकारियां मुख्य सचिव सचिवालय को उपलब्ध कराई जाए। बतातें हैं कि मुख्य सचिव ने सभी आईएएस अधिकारियों की सीआर ठीक-ठाक लिखने का फैसला कर लिया है। एक जानकारी के अनुसार जिन जिला कलेक्टरों ने लाड़ली बहना योजना के क्रियान्वयन में बढ़-चढक़र हिस्सा लिया था और जिनसे मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान बेहद खुश हुए थे, ऐसे आईएएस अधिकारियों को तो, उनकी सीआर में बढ़-चढक़र नंबर दिए गए हैं।
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