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    मप्रः मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना को मंजूरी, ATF पर वेट की दर 25 फीसदी से घटाकर किया 4 प्रतिशत

  • November 17, 2021

    भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (hief Minister Shivraj Singh Chouhan) की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रि-परिषद की बैठक (council of ministers meeting) हुई, जिसमें राज्य के हित में कई अहम निर्णय लिये गए। मंत्रि-परिषद ने प्रदेश के शिक्षित युवाओं को स्व-रोजगार से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना (Chief Minister Enterprise Revolution Scheme) को शुरू करने की मंजूरी दी है। योजना का लाभ प्रदेश के 18 से 40 वर्ष अवस्था तक के न्यूनतम 12वीं कक्षा पास युवाओं को प्राप्त होगा। इसके साथ ही बैठक में एयर कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए एटीएफ पर वेट की दर 4 प्रतिशत निर्धारित की गई।

    प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कैबिनेट बैठक में हुए अहम निर्णयों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना में विनिर्माण इकाई के लिये एक लाख से 50 लाख रुपये तक की परियोजनाएं तथा सेवा इकाई अथवा खुदरा व्यवसाय के लिये एक लाख से 25 लाख रुपये तक की परियोजनाएँ मान्य की जायेगी। राज्य सरकार द्वारा वित्तीय सहायता के रूप में वितरित ऋण पर तीन प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज अनुदान तथा ऋण गारंटी शुल्क प्रचलित दर से हितग्राही को अधिकतम 7 वर्षों तक दिया जायेगा। योजना का क्रियान्वयन ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से किया जायेगा। इस योजना के माध्यम से उद्योग, सेवा या व्यवसाय स्थापित करने के इच्छुक युवाओं को बैंकों के माध्यम से कम ब्याज दर पर ऋण प्राप्त होगा। साथ ही बैंक ऋण के लिये कोई कोलेट्रल सिक्यूरिटी भी नहीं देनी पड़ेगी।


    एटीएफ पर वेट की दर 4 प्रतिशत
    उन्होंने बताया कि मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में आर्थिक विकास के लिये एयर कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिये एयरक्राफ्ट टरबाइन फ्यूल (एटीएफ) पर वेट की दरों युक्तियुक्त करते हुए ग्वालियर, खजुराहो एवं जबलपुर में निर्धारित वेट की दर 4 प्रतिशत की तरह ही भोपाल एवं इंदौर में भी एटीएफ पर वेट की वर्तमान दर 25 प्रतिशत को घटाकर 4 प्रतिशत करने का निर्णय लिया। इस निर्णय से प्रदेश में एक शहर को दूसरे शहर से विमान सेवाएं उपलब्ध होने से पर्यटन एवं आर्थिक गतिविधियों तथा हॉस्पिटेलिटी सेक्टर को भी बढ़ावा मिलेगा। साथ ही विमान सेवाएं बढ़ने से प्रदेश में जहां एक ओर वैमानिक संस्थाएं प्रदेश के शहरों से हवाई सेवाएँ संचालित करने के लिये आकर्षित होगी, वहीं दूसरी ओर आम आदमी को भी रियायती दरों पर हवाई सेवाएँ उपलब्ध हो सकेगी।

    राजा शंकर शाह एवं कुंवर रघुनाथ शाह का स्मारक एवं संग्रहालय
    सारंग ने बताया कि मंत्रि-परिषद ने इण्डियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एण्ड कल्चरल हेरिटेज (आई.एन.टी.ए.सी.एच) को राजा शंकर शाह एवं कुंवर रघुनाथ शाह के स्मारक एवं संग्रहालय, जबलपुर के निर्माण कार्य के लिये राज्य शासन के प्रचलित शिड्यूल ऑफ रेट एवं उस पर 9 प्रतिशत पर्यवेक्षण शुल्क पर टर्न की बेसिस पर निविदा पद्धति की निर्धारित प्रक्रिया से छूट देते हुए कार्यादेश देने एवं उक्त कार्य में भविष्य में विस्तार आदि एवं संग्रहालय संचालन का कार्य स्थायी वित्त समिति के अनुमोदन के बाद एवं संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर आई.एन.टी.ए.सी.एच से ही कराए जाने की अनुमति देने का निर्णय लिया।

    वन प्रबंधन समितियों के माध्यम से वृक्षारोपण
    मंत्रि-परिषद ने संयुक्त/सामुदायिक वन प्रबंधन समितियों के माध्यम से सी.एस.आर/सी.ई.आर. एवं अशासकीय निधियों के उपयोग से वृक्षारोपण नीति अनुमोदित की है।

    मंत्री सारंग ने बताया कि इस नीति में वन क्षेत्र की पुनर्स्थापना में भूमिका अदा करने का इच्छुक औद्योगिक समूह, निगमित निकाय, व्यक्ति या स्वयं-सेवी संस्था वनमंडल या राज्य स्तर पर स्थापित वन विकास अभिकरण को अपना प्रस्ताव प्रस्तुत करेंगे। निकाय संस्थाएं अपनी प्राथमिकता अनुसार वृक्षारोपण के लिये क्षेत्र का चयन कर सकेंगे। वृक्षारोपण के लिये न्यूनतम 10 हेक्टेयर क्षेत्रफल का चयन कर स्थानीय प्रजातियों को प्राथमिकता दी जायेगी। निधियाँ उपलब्ध कराने वाली संस्था, वन समिति और वन विकास अभिकरण के बीच एक त्रि-पक्षीय अनुबंध किया जाएगा। निधि उपलब्ध कराने वाली संस्था को वन क्षेत्र या वनोपज पर किसी भी प्रकार का कोई अधिकार प्राप्त नहीं होगा। निधियों को प्राप्त कराने के एवज में संस्था को कार्बन क्रेडिट उपयोग करने का अधिकार होगा।

    निधियां उपलब्ध कराने वाली संस्था द्वारा अनुबंध लागू होने के एक वर्ष की अवधि के अंदर वनमंडल स्तर पर वन विकास अभिकरण के खाते में इलेक्ट्रॉनिक रीति से जमा कराई जायेगी। वन विकास अभिकरण द्वारा कार्य सम्पादन के लिये राशि वन समिति के विकास खाते में जमा कराई जायेगी। वन क्षेत्रों में ऐसा कोई कार्य नहीं किया जाएगा, जिससे स्थानीय समुदाय के अधिकारों एवं वन आधारित आजीविकाओं पर किसी भी प्रकार का विपरीत प्रभाव पड़े। वृक्षारोपण के लिये वन समिति के सहयोग से सूक्ष्म प्रबंध योजना तैयार की जायेगी। इसे वन समिति की आम सभा से अनुमोदन के बाद वनमंडल अधिकारी द्वारा स्वीकृति दी जायेगी। कार्य संपादन वन समिति द्वारा किया जायेगा।

    मध्यप्रदेश लोकसवा आयोग के अध्यक्ष और सदस्य नियुक्त
    मंत्रि-परिषद ने प्रो. राजेशलाल मेहरा सदस्य एवं कार्यवाहक अध्यक्ष को मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और डॉ. कृष्णकांत शर्मा प्राध्यापक (गणित) को सदस्य के पद पर नियुक्त करने का अनुमोदन दिया। (एजेंसी, हि.स.)

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