भोपाल। मप्र सरकार के राजकीय विमान (state aircraft of mp government) कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ग्वालियर एयरपोर्ट पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस मामले में विमान के पायलट कैप्टन माजिद अख्तर (Pilot Captain Majid Akhtar) को दोषी मानते हुए उन्हें निलंबित कर दिया था, साथ ही उनका लाइसेंस भी निरस्त कर दिया गया था। अब राज्य सरकार ने उनके खिलाफ आरोप भी तय कर दिए हैं। साथ ही उन्हें 85 करोड़ रुपये की वसूली का नोटिस भी थमाया है।
उल्लेखनीय है कि मप्र सरकार का राजकीय विमान कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए गुजरात से रेमडेसिविर इंजेक्शन लेकर 7 मई 2021 को रात में ग्वालियर हवाई अड्डे पर उतर रहा था। लैंडिंग के समय विमान रनवे से करीब तीन सौ फीट पहले लगे अरेस्टर बैरियर से टकरा गया था, जिससे विमान के काकपिट के आगे का हिस्सा, प्रापलर ब्लेड क्षतिग्रस्त हो गए थे, जिनके सुधरने की संभावना नहीं है। हादसे में दोनों पायलट मामूली रूप से घायल हुए थे। हादसे के बाद नागर विमानन महानिदेशालय ने पायलट माजिद अख्तर को दोषी ठहराते हुए उनका लाइसेंस अगस्त 2021 में ही निलंबित कर दिया था।
अब राज्य सरकार ने पायलट को दोषी मानते हुए नोटिस जारी किया है, जिसमें स्पष्ट किया है कि यह हादसा पायलट की लापरवाही से हुआ है। जिसमें 62 करोड़ का विमान क्रेश हो गया। इस वजह से सरकार को किराए से विमान लेना पड़ा है। जिस पर अब तक करीब 23 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। इस तरह सरकार को 85 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। जवाब आने के बाद शासन अब उनसे वसूली के बारे में फैसला करेगा। विमानन विभाग के सचिव एम सेलवेंद्रन ने बताया कि केप्टन माजिद के खिलाफ विभागीय जांच की जा रही है। इसके तहत उन पर लगे लापरवाही के आरोपों के आधार चार्जशीट जारी की गई है। जवाब आने के बाद आगे का निर्णय लिया जाएगा। (एजेंसी, हि.स.)
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