मुख्यमंत्री ने की वल्लभ भवन सिचुएशन रूम से वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा समीक्षा, कहा- आपदा दल सक्रिय रहें, आमजन सावधानी रखें
भोपाल। मालवा क्षेत्र में हो रही बारिश (Rain) की वजह से कोटा बैराज (Kota Barrage) से चंबल नदी (Chambal River) में लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। इस वजह से चंबल नदी खतरे के निशान से आठ मीटर ऊपर (8 meters above the danger mark) बह रही है। हालांकि अब कोटा बैराज से चंबल में पानी छोडऩा बंद होने से अनुमान लगाया जा रहा है कि गुरुवार की रात से जल स्तर में कमी आना प्रारंभ हो जाएगी। क्षेत्र में बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने के लिए तीन हेलीकॉप्टर तैनात (three helicopters) किए गए हैं। गुरुवार की दोपहर मुरैना तहसील के मऊखेड़ा गांव में बाढ़ में फंसे लोगों को हेलीकॉप्टर से निकाला गया।
गुरुवार को चंबल ने और अधिक रौद्र रूप धारण कर लिया। बुधवार की अपेक्षा गुरुवार जल स्तर करीब ढाई मीटर बढ़ गया। चंबल नदी का जल स्तर राजघाट पुल पर गुरुवार को 146.50 मीटर रहा, जो खतरे के निशान 138 मीटर से काफी अधिक है। राजघाट पर बना पुराना पुल तो दो दिन पहले ही डूब गया था। गुरुवार को नए पुल से भी महज करीब 6 मीटर ही पानी नीचे रह गया।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने गुरुवार को वल्लभ भवन स्टेट सिचुएशन रूम से प्रदेश में वर्षा की वर्तमान स्थिति, चंबल बेसिन में बाढ़ और राहत कार्यों की विस्तार से समीक्षा की। मुख्यमंत्री बुधवार शाम को चंबल क्षेत्र में अति वर्षा की स्थितियों का जायजा लेने भी गए थे। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंस से इन जिलों के प्रभावित नागरिकों से अनुरोध किया कि सरकार हर पल आपके साथ है, लेकिन नागरिक खुद भी सजग रहें। जीवन महत्वपूर्ण हैं। ऊंचाई के स्थानों पर जाने के प्रशासन के आग्रह और प्रयास में सहयोगी बनें। उन्होंने बताया कि आमजन को बचाने के लिये तीन हेलीकॉप्टर की व्यवस्था भी की गई है।
मुख्यमंत्री ने ग्वालियर कमिश्नर आशीष सक्सेना से बाढ़ राहत कार्यों में समन्वय की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने अति वर्षा की वर्तमान स्थिति, चंबल बेसिन में बाढ़ और यमुना नदी के बेक वाटर से जल-स्तर बढ़ने और इसके कारण कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति बनने और संचालित राहत कार्यों की समीक्षा की। बैठक में बताया गया कि प्रभावित इलाकों में आपदा दल निरंतर रेस्क्यू कार्य में लगे हैं।
मुख्यमंत्री ने प्रभावितों के लिए भोजन और पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। चंबल संभाग के तीनों कलेक्टर्स से मुख्यमंत्री ने चर्चा की। उन्होंने श्योपुर कलेक्टर शिवम वर्मा, भिंड कलेक्टर शैलेंद्र चौहान और मुरैना कलेक्टर बी. कार्तिकेय से विस्तृत जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने चंबल संभाग के तीनों कलेक्टर से चंबल नदी के जल-स्तर को लेकर चर्चा की। मुरैना कलेक्टर ने बताया कि चंबल नदी का जल-स्तर लगातार बढ़ा है, लेकिन स्थिति को देखते हुए समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं।
मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा सहित संबंधित अधिकारी वल्लभ भवन सिचुएशन रूम में मौजूद थे।
मुख्यमंत्री के प्रमुख निर्देश
-अति वर्षा और बाढ़ से आमजन भी सतर्क रहें।
-आमजन से अपील की जाए कि चंबल बेसिन में न जाए, सावधान रहें। प्रशासन के प्रयासों में सहयोग करें।
-प्रशासन खाने के पैकेट और आवश्यक सामग्री की व्यवस्था रखें।
-जहाँ जरूरी है वहाँ दिन में रेस्क्यू करें, रात का इंतजार न करें।
-हेलीकॉप्टर का उपयोग कर लोगों को निकाल कर राहत कैंप में पहुँचाएँ।
-पूरी तरह सावधानी बरतें। समन्वय के साथ काम किया जाए।
-जन-प्रतिनिधियों को साथ लेकर जन-भागीदारी के साथ लोगों की मदद करने में जुटें।
-लोगों को लगातार जागरूक कर सावधानी बरतने को कहे।
-मुख्यमंत्री कार्यालय और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ही सिचुएशन रूम से लगातार संपर्क में रहें और जो भी जरूरत लगे तुरंत सूचित करें। (एजेंसी, हि.स.)
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