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    चुनावी मैदान में उतरा चाय वाला, बोला-जब मोदी पीएम बन सकते हैं तो मैं क्यों नहीं…

  • June 22, 2022

    रीवा. नगरीय निकाय चुनाव (urban body elections) दिलचस्प हो चले हैं. रीवा में चाय का ठेला लगाने वाले सज्जन चुनाव मैदान में हैं. रीवा में चाय का ठेला लगाने वाले राम चरण शुक्ला(Ram Charan Shukla) ने अब निकाय चुनाव में दावेदारी ठोक दी है. वो महापौर का चुनाव लड़ेंगे. उनके आदर्श देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) हैं. उन्होंने चाय वाला होने का तर्क पेश किया है. शुक्ल ने शहर की मूलभूत समस्याओं को अपना चुनावी मुद्दा बनाया है.

    निकाय चुनाव की नामांकन प्रक्रिया संपन्न होने के बाद रीवा नगर निगम (municipal Corporation) में महापौर के लिए अनारक्षित सीट पर 14 प्रत्याशी अपना भाग्य आजमाने के लिए मैदान में उतर चुके हैं. अब राजनीतिक सरगर्मियां भी तेज हो गई हैं. चुनावी वादे और दावे के साथ नेता भी मैदान पर उतरते हुए दिखाई दे रहे हैं. जनसंपर्क शुरू कर दिया गया है. इस सारी सरगर्मी के बीच एक चाय बेचने वाला भी चुनाव मैदान में है.



    चाय ने दी पहचान
    राम चरण शुक्ला रीवा के मुख्य बाजार शिल्पी प्लाजा के सामने पिछले 20 साल से चाय का ठेला लगा रहे हैं. लेकिन अब वो महापौर पद के प्रत्याशी हैं. नामांकन दाखिल करने के बाद उन्होंने जनसंपर्क शुरू कर दिया है. रामचरण शुक्ला का कहना है शहर की मूलभूत समस्याओं को वह अपना चुनावी मुद्दा बनाकर मैदान में उतर रहे हैं. आम जनमानस का उन्हें खासा समर्थन भी मिल रहा है. रामचरण का कहना है 20 से साल से वो चाय का ठेला लगा रहे हैं. चाय बेचने के कारण शहर की 70% जनता से उनका सीधा संपर्क होता है. उनके ठेले पर अब जो भी चाय पीने आता है उससे वो वोट की अपील कर रहे हैं.

    पीएम मोदी हैं आदर्श
    रामचरण शुक्ला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना आदर्श मानते हैं. उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद ही राम चरण शुक्ला ने भी राजनीति में अपने पैर आजमाने की ख्वाहिश मन में रख ली थी. महापौर चुनाव ने उन्हें ये मौका भी दे दिया है. राम चरण शुक्ला का कहना है अगर एक चाय वाला देश का प्रधानमंत्री बन कर देश चला सकता है तो मैं भी रीवा नगर निगम को चला सकता हूं.

    संघ से संबंध
    रामचरण शुक्ला लगभग 35 वर्षों से सामाजिक काम भी कर रहे हैं. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से इनका सीधा सरोकार भी है. लेकिन वो निर्दलीय के तौर पर ही चुनाव लड़ रहे हैं. रीवा नगर निगम में जब से प्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव होने शुरू हुए हैं तब से महापौर पद पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है. शहर में चल रहे विकास कार्यों से जनता की नाराजगी भी उभर कर सामने आई है. ऐसे में रीवा की जनता ने भी भाजपा और कांग्रेस से इतर अपने जनप्रतिनिधि का चयन करने का मन बनाया है.

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