भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार (Government of Madhya Pradesh) ने उद्योगों और संस्थानों को राहत देते हुए मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एमपीपीसीबी) (Madhya Pradesh Pollution Control Board (MPPCB)) से विभिन्न मंजूरियां प्राप्त करने के शुल्क में भारी कमी की है। मध्य प्रदेश पर्यावरण विभाग के प्रधान सचिव और एमपीपीसीबी के अध्यक्ष अनिरुद्ध मुखर्जी (President Anirudh Mukherjee) ने कहा कि यह निर्णय कारोबार सुगमता को बढ़ावा देने के लिए लिया गया है।
बातचीत के बाद उठाया कदम
अनिरद्ध मुखर्जी ने कहा कि लोगों से मिली प्रतिक्रिया के आधार पर पर्यावरण विभाग ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से ली जाने वाली अनुमति, अनुमोदन और पंजीकरण शुल्क को 40 से 50 प्रतिशत तक कम कर दिया है और इसकी प्रक्रिया को भी सरल बना दिया है। उन्होंने कहा कि अक्टूबर, 2021 में भोपाल में और दिसंबर में इंदौर में औद्योगिक संघों और प्रतिनिधियों से साथ बैठक करने के बाद ईओडीबी को बढ़ावा देने के लिए विभाग ने कई कदम उठाए हैं।
कई सुझाव किए गए लागू
मुखर्जी ने कहा कि एमपीपीसीबी ने अपने एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर को प्रदर्शित करने और किसी भी तरह की गड़बड़ियों को दूर करने के लिए एक समिति भी गठित की है। उन्होंने कहा कि समिति ने अक्टूबर-नवंबर में भोपाल और रायसेन जिले के मंडीदीप में आईटी विशेषज्ञों, उद्योग संघों और प्रतिनिधियों के साथ तीन बार मुलाकात की और हाल में सुझावों को लागू किया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे पड़ोसी राज्यों द्वारा लिए जाने वाले शुल्क की समीक्षा करने के बाद विभाग ने शुल्क संरचना को तुलनीय और अधिक तर्कसंगत बनाया है।
बढ़ेंगे रोजगार के अवसर
मुखर्जी ने कहा कि अगर उद्योग स्थापना के लिए अनुमति और संचालन की अनुमति के नए आवेदन 30 दिन से अधिक समय से लंबित हैं तो एमपीपीसीबी के निदेशक मंडल ने कंप्यूटरीकृत प्रणाली के माध्यम से स्वयं ही अनुमति जारी करने का भी फैसला किया है। उन्होंने कहा कि इससे उद्योगों की लागत कम करने के अलावा नई औद्योगिक इकाइयों की स्थापना और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा मिलेगा।
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