सिंधिया समर्थक एक मंत्री का नाम भी शामिल, पुराने मंत्रियों की भी तैयारी
इंदौर। दिल्ली में हुई संगठन की बैठक के बाद आने वाले समय में प्रदेश भाजपा (State BJP) की राजनीति और सत्ता में फेरबदल (shuffle) देखने को मिल सकता है। राजनीतिक सूत्रों (political sources) की मानें तो मंत्रिमंडल (cabinet) में फेरबदल को लेकर दूसरे विधायकों को मौका दिया जा सकता है तो कुछ मंत्रियों के पर कतरे जा सकते हैं। इसके साथ ही सिंधिया समर्थक एक मंत्री से भी उनका विभाग छीना जा सकता है। सबसे बड़ा असर ब्यूरोक्रेसी पर देखने को मिल सकता है, जिसमें व्यापक फेरबदल होने की संभावना है।
जिस तरह से बाहर सत्ता और संगठन का समन्वय नजर आ रहा था, वैसा कुछ नहीं निकला और दिल्ली में जो बैठक हुई, उसमें यह सब सामने आ गया। संगठन इस बात पर नाराज है कि सत्ता के कुछ मंत्री, कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की सरकार में नहीं चलती है और उनके काम नहीं होते हैं। इसके बाद अब माना जा रहा है कि सत्ता में कुछ बदलाव होना हैं, लेकिन इन बदलाव का असर किस पर पड़ेगा इसके पत्ते मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने नहीं खोले हैं। कल भी मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में शिवराजसिंह दिल्ली में थे और बताया जाता है कि उनकी संगठन के आला पदाधिकारियों से चर्चा हुई है। बदलाव का एक बड़ा असर उन मंत्रियों के विभागों पर देखने को मिलेगा, जो आम लोगों से वास्ता नहीं रखते हैं और फोन तक नहीं उठाते हैं। सिंधिया समर्थक एक कद्दावर मंत्री के पास जो मलाईदार विभाग है उसे छीनकर किसी दूसरे को दिया जा सकता है। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के पास ही कई विभाग हैं। वे इनमें से कुछ विभाग बांट सकते हैं। मंत्रिमंडल में 4 पद रिक्त होने का फायदा उन क्षेत्र के विधायकों को मिलेगा, जिनके क्षेत्र से कोई मंत्री नहीं है। इनमें सुलोचना रावत, संजय पाठक, रमेश मेंदोला, रामपालसिंह जैसे नाम सामने आ रहे हैं। इसके साथ ही कई ब्यूरोक्रेट्स पर भी तबादले की गाज गिर सकती है और उन्हें वर्तमान मलाईदार पदों से हटाकर मंत्रालय में कहीं और पदस्थ किया जा सकता है। वहीं पब्लिक में अच्छी छवि रखने वाले अफसरों को फील्ड में तैनात किए जाने की संभावना है। कुल मिलाकर भाजपा अब पूरी तरह से चुनावी मोड में है और उत्तरप्रदेश में उसने जो सीटें खोई हैं, उससे सबक लेकर मध्यप्रदेश जैसे बड़े राज्य में संगठन अब कोई रिस्क नहीं लेना चाहता।
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