भोपाल (Bhopal) । मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के दमोह जिले (Damoh district) के तेंदूखेड़ा विकासखंड के शासकीय हाई स्कूल सेलवाड़ा में सोमवार को विज्ञान विषय का पेपर (science subject paper) कथित तौर पर वायरल (viral) हो गया। घटना की जानकारी मिलते ही कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने मौके पर पहुंचकर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। मामले में एसडीएम और पुलिस से छानबीन कराई जा रही है। पेपर लीक के आरोपों पर स्कूली शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार (School Education Minister Inder Singh Parmar) का बयान सामने आया है। इसमें इंदर सिंह परमार ने पेपर लीक होने की बात को सिरे से खारिज कर दिया। इतना ही नहीं उन्होंने वायरल पेपर की दोबारा परीक्षा कराए जाने से भी इनकार दिया।
स्कूली शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा की मध्य प्रदेश में कोई पेपर लीक नहीं हुआ है। एमपी बोर्ड के किसी भी पेपर की परीक्षा दोबारा नहीं होगी। कुछ ऐसे लोग हैं, जिन्होंने साढ़े 8 बजे पेपर शुरू होने के बाद प्रश्न पत्र की फोटो वायरल किए थे, जिन पर कड़ी कार्रवाई की गई है। आगे भी इसी तरह की कार्रवाई जारी रहेगी। मालूम हो कि सूबे में बीते कुछ दिनों से 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं चल रही हैं। एमपी के कई जिलों से इस तरह की शिकायतें आई हैं। आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई भी की गई है।
स्कूली शिक्षा मंत्री परमार का कहना है की एक दिन पहले या रात में पेपर लीक नहीं हुआ है। परीक्षा में बैठने के बाद उक्त पेपर बाहर आए हैं। यदि स्ट्रांग रूम से पेपर लीक हुए हैं, तो उन शिक्षकों पर कार्रवाई हुई है। गोपनीयत भंग करने पर गिरफ्तारी भी की गई है। उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर कांग्रेस सियासत कर रही है। हमने चार सेंटरों की पहचान की है। हमने 9 लोगों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है। पहले राउंड में जो पेपर लीक हुए थे उन मामलों में दो एफआईआर दर्ज कराई गई है।
शिक्षा मंत्री परमार ने कहा- एमपी के कई स्कूलों पर कार्रवाई की गई है। गलत सूचनाएं फैलाने वालों पर भी कार्रवाई की जा रही है। 8 बजकर 47 मिनट पर कोई पेपर बाहर जाता है तो उसको लीक की श्रेणी में नहीं माना जा सकता है। हां गोपनीयता जरूर भंग हुई है जिस पर कार्रवाई भी की गई है। इसमें जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने सोमवार को इस मुद्दे को लेकर विधानसभा का बहिर्गमन किया। नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि सूबे में 10वीं और 12वीं की परीक्षा के ‘पेपर आउट’ हुए हैं। इससे छात्रों का भविष्य खराब हुआ है।
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