सागर। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के सागर जिले (Sagar district) के देवरी (Deori) से भाजपा विधायक बृज बिहारी पटेरिया (BJP MLA Brij Bihari Pateria) एक पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए केसली थाने पहुंचे। लेकिन पुलिस की कार्य प्रणाली देख वह खफा हो गए। विधायक पीड़ित परिवार के परिजनों और समर्थकों के साथ थाना परिसर में ही धरने पर बैठ गए। धरने पर बैठे भाजपा विधायक ने थाना प्रभारी (Police station incharge) से पोस्टमार्टम रिपोर्ट सौंपने के बदले रिश्वत मांगने वाले डॉक्टर दीपक दुबे पर एफआईआर की मांग की लेकिन उनकी एफआईआर नहीं दर्ज की गई। इससे नाराज होकर विधायक ने थाना परिसर में ही बैठकर अपने लेटर हेड पर विधान सभा अध्यक्ष को इस्तीफा लिख दिया |
डॉक्टर मांग रहा था रिश्वत
दरअसल एक महीने पहले एक बुजुर्ग धनीराम को सांप ने काट लिया था। इलाज के दौरान बुजुर्ग की मौत हो गई थी। मृतक का केसली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर ने पोस्टमार्टम भी किया था, जिसके बाद डॉक्टर ने पीएम रिपोर्ट परिजनों को नहीं दिया। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर का कहना है कि आर्थिक सहायता चार लाख रुपए मिली है जिसकी बदले में वो 40 हजार दें तब रिपोर्ट मिलेगा। जब डॉक्टर ने पीएम रिपोर्ट देने से साफ मना कर दिया तब परिजन थाने पहुंचे लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई|
मृतक धनीराम के परिजन भाजपा विधायक बृज बिहारी पटेरिया के यहां पहुंचे। उन्होंने पूरी बात विधायक को बताई। विधायक ने तत्काल केसली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ डॉक्टर दीपक दुबे के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की बात कही। लेकिन थाने में एफआईआर दर्ज नहीं की गई। विधायक नाराज होकर अपने समर्थकों के साथ थाने पहुंच गए। इस पूरे मामले में विधायक बृज बिहारी पटेरिया का कहना है कि अगर सत्ता दल के विधायक को धरना देना पड़े, इससे शर्मनाक बात कोई हो नहीं सकती। ऐसी विधायकी मुझे नहीं करना है। मैं अपना पेट भरने के लिए विधायक नहीं बना। मैं जनता की बात करने के लिए विधायक बना हूं। गरीबों की आवाज उठाने के लिए विधायक बना हूं।
कांग्रेस ने किया कटाक्ष
वहीं अब इस मामले में कांग्रेस ने भी कटाक्ष करते हुए फेसबुक पर एक पोस्ट करते हुए लिखा है कि जब भाजपा शासन में भाजपा विधायक की ही सुनवाई नहीं हो रही तो आम जनता क्या उम्मीद करेगी।
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