भोपाल (Bhopal) । मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में आगामी विधानसभा चुनाव (assembly elections) को देखते हुए हर पार्टी अपने-अपने समीकरण जुटाने में लगी है. विशेषकर बीजेपी (BJP) अपनी तैयारियों में कोई कोर कसर नहीं रखना चाहती है. इसी के चलते पार्टी कई बार आंतरिक रूप से सर्वे करा चुकी है. इस बार बीजेपी को जो सर्वे रिजल्ट मिला है, उसमें 87 विधायकों की स्थिति बेहतर बताई जा रही है. वहीं, 40 ऐसे विधायक हैं जो चुनाव नहीं जीतने की स्थिति में दिखाई दे रहे हैं.
गौरतलब है कि बीते चुनावों से सबक लेते हुए बीजेपी इस बार कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती. ऐसे में पार्टी के कई सख्त निर्णय लेने के आसार हैं. क्योंकि पिछले चुनाव में बीजेपी के पास 165 विधायक और कई मंत्री शामिल थे, जो चुनाव हारने के बाद 109 तक सिमट गए. इसीलिए इस बार अपने आंतरिक सर्वे के आधार पर पार्टी कइयों के टिकट काटने का मन बना चुकी है.
मध्य प्रदेश के अंदर कांग्रेस और बीजेपी ही मुख्य पार्टियां हैं, जो सीधे तौर पर चुनाव लड़ती हैं. जिन सीटों पर बीजेपी ने मजबूत स्थिति बनाई हुई है, वहां और भी ज्यादा मजबूती के लिए पार्टी ने कार्यकर्ताओं और संगठन पदाधिकारियों को निर्देशित किया है.
निकाय चुनाव की तर्ज पर विधानसभा चुनाव की तैयारी
इस समय भारतीय जनता पार्टी द्वारा सभी विधायकों और कार्यकर्ताओं को बूथ विस्तारक अभियान पर जोर देने के लिए कहा गया है. हर विधायक अपने क्षेत्र में बूथ विस्तारक अभियान की सफलता को लेकर लगातार प्रयासरत है. सूत्र बता रहे हैं कि बीजेपी इस बार 50% से ज्यादा सीटों पर नए चेहरे और युवा चेहरे उतार सकती है. क्योंकि नए और युवा चेहरों को निकाय चुनाव में टिकट देने का परिणाम सकारात्मक प्राप्त हुआ है.
बीजेपी गुजरात की तर्ज पर एमपी में भी उम्र की सीमा, योग्यता और अन्य पैमानों पर विचार कर टिकिट वितरण करने वाली है. ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि कई विधायकों को दोबोरा टिकट नहीं मिलेगा.
‘समय-समय पर लिया जाता है विधायकों का फीडबैक’
पार्टी प्रवक्ता डॉ. हितेश बाजपेयी का कहना है कि बीजेपी लगातार विधानसभा क्षेत्रों में सक्रिय रहती है. समय-समय पर कमजोर विधानसभा और विधायक का रिपोर्ट कार्ड भी लेती रहती है. जनता का फीडबैक हमारे लिए महत्वपूर्ण है. जिस विधानसभा में स्थिति जैसी रहती है, उस हिसाब से विधायक से हमारे वरिष्ठ नेता भी बात करते हैं.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved