भोपाल (Bhopal)। श्रम मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल (Labor Minister Prahlad Singh Patel) ने मंगलवार को मजदूरों के हितों (interests of workers) के संरक्षण एवं कल्याण की दिशा में ऐतिहासिक फैसला (historical decision) लेते हुए एक अप्रैल से समस्त औद्योगिक एवं असंगठित श्रमिकों (Industrial and unorganized workers.) को 25 प्रतिशत अधिक मजदूरी (25 percent more wages.) देने का आदेश जारी किया है। उक्त निर्णय के तहत सभी औद्योगिक एवं असंगठित क्षेत्र से जुड़े ट्रेंड-अनट्रेंड सभी श्रमिकों के मेहनताने में एक अप्रैल 2024 से बढ़ोतरी की जाएगी। वर्ष 2014 के पश्चात प्रदेश में पहली बार मजदूरों का वेज रिवीजन किया गया है, श्रमिकों के कल्याण की दिशा में यह निश्चित रूप से एक क्रांतिकारी निर्णय है।
श्रम मंत्री पटेल ने कहा कि मजदूरी दरों में की गई बढ़ोतरी श्रमिकों की जिंदगी में व्यापक बदलाव आएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन एवं मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के नेतृत्व में किए जा रहे “सबके विकास” की कड़ी में श्रमिकों के उत्थान के लिए यह पहल की गई है।
उन्होंने कहा कि श्रम विभाग मजदूरों के कल्याण एवं सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और इसी दिशा में कई महत्वपूर्ण निर्णय आने वाले समय में भी लिए जाएंगे। नियम अनुसार प्रति 5 वर्ष में वेज रिवीजन होना चाहिए, 2014 के बाद हमने पहली बार श्रमिकों का वेज रिवाइज किया है। आगे भी नियमानुसार करते रहेंगे। यह निर्णय विशेष तौर पर महिला श्रमिकों को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने में मिल का पत्थर साबित होगा।
मंत्री पटेल ने कहा कि भोपाल जिले में जीवित लोगों को संबल योजना का लाभ देने की जानकारी प्राप्त होने पर उन्होंने त्वरित रूप से मामले को संज्ञान में लेते हुए संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई के आदेश दिए है। उन्होंने कहा कि भुगतान की गई राशि के वसूली के लिए भी उचित कार्रवाई के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि गरीबों के हितों के संरक्षण के लिए वे सतत रूप से कार्य करते रहेंगे।
श्रमिकों को मिलेगी महंगाई भत्ता जोड़कर न्यूनतम वेतन
श्रम विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार श्रमिकों को देय प्रचलित न्यूनतम वेतन की दरों में 25 प्रतिशत की वृद्धि और जनवरी से जून 2019 के औसत अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर एक अक्टूबर 2019 से देय परिवर्तनशील महंगाई भत्ते को न्यूनतम वेतन में जोड़कर नई न्यूनतम वेतन दरें निर्धारित की गई हैं। यह अखिल भारतीय उपभोक्तार मूल्य सूचकांक 311 पर आधारित कर संबंद्ध की गई है। नई न्यूनतम वेतन दरों के प्रभावशील होने पर अकुशल श्रमिकों का न्यूनतम वेतन 9575 रुपये प्रतिमाह हो जाएगा। इसी तरह अर्द्धकुशल श्रमिकों का न्यूनतम वेतन 10 हजार 571 रुपये प्रतिमाह होगा। कुशल श्रमिकों का न्यूनतम वेतन 12294 जबकि उच्च कुशल श्रमिकों का न्यूनतम वेतन 13919 रुपये प्रतिमाह हो जाएगा। श्रमिकों की वेतन दरें लेबर ब्यूरो शिमला द्वारा निर्मित औद्योगिक श्रमिकों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्तार मूल्य सूचकांक जनवरी 2019 से जून 2019 के आंकड़ों के औसत पर आधारित है।
कृषि श्रमिकों को मिलेंगे अब हर महीने 7660 रुपये
कृषि श्रमिकों को देय प्रचलित न्यूनतम वेतन की दरों में 25 प्रतिशत की वृद्धि तथा लेबर ब्यूरो शिमला द्वारा निर्मित अखिल भारतीय कृषि श्रमिक उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के औसत के आधार पर एक अक्टूबर 2019 से देय परिवर्तनशील महंगाई भत्ते को न्यूनतम वेतन में जोड़कर नई न्यूनतम वेतन दरें निर्धारित की गई है। नई न्यूनतम वेतन दरों के प्रभावशील होने पर कृषि श्रमिकों का न्यूनतम वेतन 7660 रुपये प्रतिमाह हो जाएगा। इसी प्रकार बीड़ी श्रमिकों एवं अगरबत्ती श्रमिकों के वेतन में भी देय प्रचलित न्यूनतम वेतन की दरों में 25 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। न्यूनतम वेतन की दरें किसी भी श्रमिक पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालेंगी। अगर वर्तमान वेतन की दरें संशोधन दरों से अधिक है तो वह किसी भी दशा में कम नहीं की जाएंगी,जब तक की न्यूनतम वेतन की दरें उसके समकक्ष नहीं हो जाती हैं।
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