भोपाल। कोरोना संकट के बीच मध्यप्रदेश विधानसभा का एक दिवसीय सत्र सोमवार को शुरू हुआ। सत्र में भाग लेने के लिए विधानसभा पहुंचने के पहले विधानसभा अध्यक्ष रामेश्वर शर्मा, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ, संसदीय कार्यमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा समेत सभी विधायकों की जांच की गई और हाथ सैनिटाइज कराने के बाद उन्हें प्रवेश दिया गया। सदन में सबसे पहले पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, राज्यपाल लालजी टण्डन समेत अन्य दिवंगतों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई, जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने पांच मिनट के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।
बता दें कि यह मध्यप्रदेश की पंद्रहवीं विधानसभा का सातवां सत्र है। शुरुआत में विधानसभा अध्यक्ष रामेश्वर शर्मा ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, तत्कालीन राज्यपाल लालजी टंडन, सदन के सदस्य मनोहर ऊंटवाल और गोवर्धन दांगी तथा पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष हजारीलाल रघुवंशी के निधन की विधिवत सूचना सदन को दी। साथ ही पूर्व विधायक डेरहू प्रसाद धृतलहरे और अन्य नेताओं के अलावा गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ संघर्ष में शहीद हुए जवानों, जम्मू कश्मीर के बारामूला में शहीद सैनिक और देश प्रदेश में कोरोना के कारण व्यक्तियों के निधन की सूचना दी और सदन की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित की।
इसके अलावा सदन में पूर्व विधायक उदय सिंह पंड्या, चंपालाल देवड़ा, देवेंद्र कुमारी, बलिहार सिंह, बलबीर सिंह कुशवाह, घनश्याम प्रसाद जायसवाल, बूंदीलाल रावत, विमला शर्मा, मनमोहन शाह बट्टी, चिमनलाल सडाना, रमाकांत तिवारी, गणेशराम खटीक और बिंद्रा प्रसाद साकेत तथा छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी और पूर्व केंद्रीय मंत्री हंसराज भारद्वाज के निधन के उल्लेख के साथ उनके प्रति भी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। सदन के नेता एवं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी दिवंगतों का राजनैतिक, सामाजिक और देश सेवा के क्षेत्र में योगदान का जिक्र करते हुए सभी के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की। विपक्ष के नेता कमलनाथ ने अपनी और दल की ओर से सभी दिवंगतों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद सभी ने दो मिनट का मौन रखा और प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने दिवंगतों के सम्मान में कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी।
स्थगन के बाद जब सदन दोबारा समवेत हुआ, तो सबसे पहले संसदीय कार्य मंत्री ने आदेशों पत्रों को पटल पर रखा। अध्यक्ष ने विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र देने वाले विधायकों, सदस्यों की सूचना सदन को दी। वित्त मंत्री की अनुपस्थिति में संसदीय कार्य मंत्री ने उनका कार्य संपादित किया। सबसे पहले धन विनियोग विधेयक सदन में प्रस्तुत किया गया। इस पर कांग्रेस ने चर्चा कराने की मांग की, लेकिन सरकार ने मना कर दिया। इसके बाद मध्यप्रदेश विनियोग विधेयक 2020 पारित हो गया। संसदीय कार्य मंत्री ने समस्त विभागों की अनुदान मांगों का प्रस्ताव एक साथ प्रस्तुत किया। इस पर कांग्रेस विधायक दल के मुख्य सचेतक गोविंद सिंह एवं नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने चर्चा कराने का अनुरोध किया। जिसके जवाब में संसदीय कार्य मंत्री ने सर्वदलीय बैठक का उल्लेख किया। फिलहाल सदन की कार्रवाई जारी है।
बता दें कि कोरोना के चलते इस तीन दिवसीय सत्र को महज एक दिन का किया गया है, जिसमें केवल शासकीय कार्य ही संपादित किए जाएंगे। सदन में कुल 202 विधायकों में से केवल 60 ही मौजूद रहे, जबकि कई विधायक अपने अपने जिलों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सदन की कार्यवाही में शामिल हुए। एजेंसी
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