भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा (Madhya Pradesh Legislative Assembly) का बजट सत्र (budget session) भारी हंगामे के बीच आज अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। सत्र के दौरान सदन में कांग्रेसी विधायकों (Congress MLAs) ने जमकर हंगामा किया। कांग्रेस पार्टी (Congress MLA) के विधायक सुरेश राजे और मनोज चावला आसंदी के सामने लेट गए। वहीं कांग्रेस के दूसरे विधायकों ने भी आसंदी के सामने जमकर नारेबाजी की।
पूरे मामले पर जीतू पटवारी (jeetu patwari) ने कहा कि बिल्ली की आंखों से शेर नहीं डरता है। इस नोटिस का कोई औचित्य नहीं है। मैंन जो कहा सदन के बाहर कहा है। इसलिए आचरण समिति के अंतर्गत कार्रवाई हो ही नहीं सकती। कांग्रेस विधायक दल अविश्वास प्रस्ताव पर विचार करेगा। वहीं सदन के स्थगन को लेकर उन्होंने कहा कि कमलनाथ ने 7 दिन सत्र बढाने की मांग की थी, लेकिन सरकार जनहित के मुद्दों से भाग रही। इससे पहले कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सोशल मीडिया पर राज्यपाल मंगुभाई पटेल के अभिभाषण का बहिष्कार किया था। जिस पर विधानसभा ने पटवारी को नोटिस जारी किया है, इस मुद्दे को कांग्रेस ने सदन में उठाते हुए विरोध दर्ज कराकर वॉकआउट कर दिया। कांग्रेस का कहना है कि यह कार्रवाई नियमों के विरुद्ध की जा रही है।
पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा (Sajjan Singh Verma) ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष (speaker of the Assembly) किसी पार्टी का नहीं होता जो अध्यक्ष अपने सदस्यों की रक्षा नहीं कर सकता उसके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव (No confidence motion) लेकर आएंगे। जीतू पटवारी का मामला आचरण समिति के तहत नहीं आता। ये नोटिस गलत तरीके से भेजा गया। आचरण समिति की कार्रवाई विधानसभा के अंदर की गतिविधियों पर होती है। जीतू ने जो भी कहा वो सदन के बाहर कहा है।
कांग्रेस के एतराज पर विधानसभा अध्यक्ष बोले सर्व सम्मति से सदन के स्थगन का फैसला हुआ है। दोनों पार्टियों की सहमति है। ये सदन में संसदीय कार्य मंत्री ने कहा है। बजट सत्र के जो कार्य थे सभी पूरे कर लिए गए है। वहीं पटवारी के मामले में उन्होंने रूल बुक दिखाते हुए कहा कि जो भी कार्रवाई हुई है नियमों के तहत हुई है। नोटिस की जवाब के बाद आगे फैसला लिया जाएगा।
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