धार: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने मध्य प्रदेश के धार (Dhar of Madhya Pradesh) स्थित विवादित भोजशाला परिसर की सर्वे का काम पूरा (Survey work of Bhojshala premises completed) कर लिया है. एएसआई ने मंगलवार (2 जुलाई) को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में एक आवेदन दायर कर विवादित परिसर पर अपनी सर्वेक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए चार सप्ताह का समय मांगा है.
दायर याचिका में कहा गया है कि राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान (एनजीआरआई), हैदराबाद ने परिसर के ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर)-भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) सर्वेक्षण के दौरान जुटाए गए डेटा का एनालिसिस किया जाना बाकी है. बता दें, बीते 11 मार्च को हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने धार स्थित भोजशाला परिसर के सर्वे कराने का आदेश दिया था. भोजशाल को हिंदू समुदाय वाग्देवी यानी सरस्वती का मंदिर मानता है. इसके उलट मुस्लिम समुदाय इस स्मारक को कमाल मौला मस्जिद मानता है.
एएसआई ने हाईकोर्ट के निर्देश पर परिसर का “वैज्ञानिक सर्वेक्षण” कर रहा है. हाईकोर्ट की इंदौर पीठ के आदेश के अनुसार, एएसआई को 2 जुलाई तक परिसर के सर्वेक्षण की पूरी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी थी. मामले में अब एएसआई की नई अर्जी पर गुरुवार को हाईकोर्ट में सुनवाई होने की संभावना है. इसी साल बीते 11 मार्च को हाईकोर्ट ने हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस संगठन के आवेदन पर एएसआई को परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने का आदेश दिया था.
पिछले 21 सालों से एएसआई ने हिंदू और मुस्लिम समाज के लिए भोजशाला पूजा और नमाज के लिए विशेष व्यवस्था की है. इसके तहत यहां पर हिंदू समाज को हर मंगलवार को भोजशाला में तक पूजा करने की अनुमति दी गई है. इसी तरह मुसलिम समाज को हर शुक्रवार को इस स्थल पर नमाज अदा करने की अनुमति है. हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस ने अपनी याचिका में एएसआई द्वारा दिए गए इस आदेश को चुनौती दी है.
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