कल कमलनाथ सरकार गिरने का एक साल पूरा
भाजपा के कार्यकर्ता ही रहे पुराने कांग्रेसी, किसी को भी नहीं मिला पद
इंदौर। कल कमलनाथ (Kamal Nath) सरकार गिरने का एक साल पूरा होने जा रहा है। जो-जो नेता और कार्यकर्ता सिंधिया (Scindia) और सिलावट के साथ भाजपा ( BJP) में आए, उन्हें अभी तक कोई बड़ा पद भाजपा में नहीं मिला है और वे कार्यकर्ता के कार्यकर्ता ही रहे।
पिछले साल मार्च में चली राजनीतिक उठापटक के चलते कमलनाथ (Kamal Nath) ने 20 मार्च को ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और प्रदेश में लंबी राजनीतिक उठापटक हो गई थी। इस उठापटक में ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के साथ 28 विधायक तो आए हीं, वहीं उनके समर्थक भी भाजपा ( BJP) में शामिल हो गए थे। बाद में हुए उपचुनाव में कई विधायक अपनी विधायकी बचाने में कामयाब तो हो गए, लेकिन अपने समर्थकों को अब तक भाजपा में जगह नहीं दिला पाए हैं। इंदौर की ही बात की जाए तो अभी तक सिंधिया समर्थकों को भाजपा ( BJP) में तवज्जो नहीं मिल पाई है, जिसको लेकर कांग्रेस (Congress) भी समय-समय पर तंज कसती रहती है। शहरी नेताओं में सिंधिया (Scindia) के साथ-साथ मोहन सेंगर, प्रमोद टंडन, पवन जायसवाल, लक्की अवस्थी, राजेश पांडे, पप्पू शर्मा और ग्रामीण क्षेत्र के नेता भरतसिंह चिमली, दिलीप चौधरी, हुकमसिंह सांखला, राऊ से रजनीश वर्मा सहित कई नेता भाजपा में शामिल हो गए थे। उपचुनाव के बाद भी इन्हें अभी तक भाजपा ने कोई जवाबदारी नहीं दी है। हालांकि भाजपा के पदाधिकारियों का कहना है कि अभी तक भाजपा ने न तो कार्यकारिणी की घोषणा की है और न ही कोई दूसरे पदों पर भाजपाइयों की नियुक्ति की है। जब भाजपाईयों को ही पद नहीं मिले हैं तो इन्हें भी पद मिलने का सवाल ही पैदा नहीं होता।
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