मुख्यमंत्री ने 22 जिलों के 94 नवीन भवनों का किया वर्चुअल लोकार्पण और भूमि पूजन
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा है कि प्रदेश में विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा (quality education to students) एक महत्वपूर्ण प्राथमिकता है, जिसे पूरा करने के लिए संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता है। स्कूल शिक्षा विभाग और जनजातीय कार्य विभाग जहां योग्य शिक्षकों की नियुक्ति करने और अन्य शिक्षण सुविधाओं को बढ़ाने पर ध्यान दें वहीं लोक निर्माण विभाग के पीआईयू द्वारा अच्छे भवन निर्मित किए जाएं। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के रोड मैप में शिक्षा का महत्वपूर्ण स्थान है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और उसके फलस्वरूप विद्यार्थियों को योग्यता के अनुरूप रोजगार दिलवाने की दिशा में निरंतर कार्य की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री चौहान मंगलवार शाम को राजधानी भोपाल के मिंटो हाल से प्रदेश में 13 जिलों में स्कूल शिक्षा विभाग के 36 नवीन स्कूल भवन और अन्य सुविधाओं का लोकार्पण कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने जनजातीय कार्य विभाग के 9 जिलों के 58 शैक्षणिक भवनों के लिए भूमि पूजन भी किया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता से समझौता नहीं करेंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार शैक्षणिक सुविधाओं के विस्तार का कार्य निरंतर चलेगा। हमने बेटियों की शिक्षा के लिए विशेष ध्यान दिया है। प्रदेश में नए हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों की स्थापना हुई है। यही कारण है कि बच्चे बड़ी संख्या में स्कूल जा रहे हैं। किसी भी कीमत पर शिक्षा की गुणवत्ता से समझौता नहीं करेंगे। प्राइमरी, मिडिल हाई और हायर सेकेंडरी स्कूल लगातार खोले गए हैं। हजारों की संख्या में गांव स्कूल भवन विहीन थे। शालेय शिक्षा और जनजातीय कार्य दोनों विभाग मिलकर ब्रेन स्टार्मिग करें, योग्य शिक्षकों का चयन भी हो ताकि हम प्रदेश की शिक्षा का सकारात्मक रूप से परिदृश्य बदल दें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रायमरी स्कूलों में बच्चे नियमित स्कूल जा रहे हैं। इसका बड़ा कारण सुविधायुक्त स्कूल भवन का बन जाना है। यूपीएससी में भी प्रदेश के चार गुना बच्चे चयनित हो रहे हैं। स्कूल शिक्षा और उच्च शिक्षा दोनों के क्षेत्र में सुविधाएं बढ़ाई गई हैं। उन्होंने शिक्षकों की नियुक्ति के साथ ही विद्यालय भवनों में प्रयोगशाला, पुस्तकालय आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए।
एक परिसर में केजी से 12वीं तक के विद्यार्थी पढ़ेंगे
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में 9 हजार 200 सुविधायुक्त सीएम राइज स्कूल प्रारंभ होंगे। वित्त वर्ष 2021-22 में प्रदेश में 350 स्कूल सी एम राइज स्कूल के रूप में विकसित होंगे। 18 से 24 करोड़ रूपये लागत के स्कूल भवन बनाए जायेंगे। प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में 25-30 किलोमीटर परिधि में इनकी व्यवस्था होगी। अगले तीन साल में इन विद्यालयों में एक ही शिक्षण परिसर में केजी से लेकर 12वीं तक की कक्षाओं के बच्चे पढ़ेंगे। जनजातीय क्षेत्रों में भी 95 सीएम राइज स्कूल खोले जाएंगे। सीएम राइज स्कूल की योजना के क्रियान्वयन में सभी विभाग मिलकर सहयोग करें।
मुख्यमंत्री ने याद किया जैन सर को
मुख्यमंत्री ने कहा कि अनेक शिक्षक ऐसे होते हैं जो विद्यार्थियों का जीवन बदल देते हैं। उन्होंने उनके प्रायमरी शिक्षक रतनचंद जैन को याद करते हुए बताया कि पाठ्यक्रम की शिक्षा के साथ संस्कार भी दिए जाते थे। मुख्यमंत्री ने स्कूल शिक्षा विभाग, जनजातीय कार्य विभाग और लोक निर्माण विभाग को प्रदेश के शिक्षा जगत का परिदृश्य परिवर्तित करने के प्रयास निरंतर करने को कहा।
पीआईयू उपयोगी एजेंसी बनी
लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान ने विद्यालय भवनों के निर्माण का कार्य तेज करने के लिए विशेष प्रयास किए हैं। उन्होंने परियोजना क्रियान्वयन इकाई (पीआईयू) का गठन वर्ष 2010 में किया था। इससे शासकीय भवनों के निर्माण का कार्य मितव्ययी तरीके से और समय सीमा में होने लगा है। यह पिछले डेढ़ दशक का क्रांतिकारी परिवर्तन है। भार्गव ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री चौहान इसकी कल्पना नहीं करते तो आज शिक्षा जगत में भवनों की उपलब्धता की यह आदर्श स्थिति निर्मित हो ही नहीं सकती थी।
अब पेड़ों के नीचे स्कूल नहीं
जनजातीय कार्य मंत्री मीना सिंह ने कहा कि एक समय था जब प्रदेश में पेड़ों के नीचे स्कूल लगते थे । भवनों का अभाव था। विद्यालय और विद्यार्थी मूलभूत सुविधाओं से वंचित थे। मुख्यमंत्री चौहान ने सदैव शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने पर ध्यान दिया है। इसका लाभ प्रदेश के शिक्षा जगत को मिल रहा है।
नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश आगे
शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) इंदरसिंह परमार ने कहा कि प्रदेश में विद्यालय भवनों का निर्माण कार्य गुणवत्ता पूर्ण ढंग से हुआ है। काफी समय से इन भवनों की आवश्यकता थी। वित्तीय संसाधन उपलब्ध हो जाने से कार्य संभव हुए। परमार ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान ने सीएम राइज योजना के लिए 1500 करोड़ रुपए की राशि के आवंटन का महत्वपूर्ण कदम उठाया। इसके साथ ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत मध्यप्रदेश में अच्छा कार्य हो रहा है। मध्य प्रदेश ने शिक्षा के क्षेत्र में नई राह पर चलना प्रारंभ किया है। शिक्षकों के चयन का कार्य बहुत गंभीरता पूर्वक किया जा रहा है ताकि विद्यार्थी लाभान्वित हों। कार्यक्रम लोक निर्माण राज्य मंत्री सुरेश धाकड़ भी उपस्थित थे।
प्रारंभ में प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा विभाग रश्मि अरुण शमी ने शिक्षा व्यवस्थाओं के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने कोरोना काल में विभिन्न पद्धतियों से विद्यार्थियों को शिक्षा का लाभ पहुंचाने के प्रयासों के बारे में भी बताया। कार्यक्रम का संचालन आयुक्त लोक शिक्षण और हस्तशिल्प अनुभा श्रीवास्तव ने किया। आयुक्त जनजातीय कार्य संजीव सिंह ने आभार व्यक्त किया। (एजेंसी, हि.स.)
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