नई दिल्ली। पंजाब पंचायत चुनाव (punjab panchayat election) के दौरान 9 अक्तूबर को फरीदकोट में एक युवक की हत्या हुई थी। युवक गुरप्रीत सिंह की हत्या मामले (Gurpreet Singh murder case) में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। युवक की हत्या मामले में वारिस पंजाब दे (डब्ल्यूपीडी) के मुखिया व खडूर साहिब से सांसद अमृतपाल सिंह की भूमिका के सबूत मिले हैं। पुलिस के अनुसार वारदात के पीछे अमृतपाल सिंह का हाथ है, साजिश का पता लगाने के लिए जांच की जा रही है।
गुरप्रीत सिंह हत्या मामले में पंजाब के डीजीपी ने शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस कर बड़ा खुलासा किया। पुलिस ने हत्या में खडूर साहिब से सांसद और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह का हाथ बताया गया है। एक स्पेशल टीम बनाकर हत्या का खुलासा किया गया है। मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं पुलिस ने यह भी खुलासा किया है कि इस हत्या का मास्टरमाइंट अर्श डल्ला है। वहीं जो तीन आरोपी पुलिस ने पकड़े हैं उन्होंने गुरप्रीत सिंह की रेकी की थी।
पुलिस को जांच में पता चला कि इस हत्याकांड में विदेश में बैठा गैंगस्टर अर्श डल्ला भी शामिल था। इस मामले में 3 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। शूटर्स को ढूंढ़ने के लिए सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है। जानकारी के अनुसार फरीदकोट के थाना सदर के अधीन गांव हरीनौ में नौ अक्तूबर की शाम पंथक संगठनों से जुड़े युवक गुरप्रीत सिंह की मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने गोली मारकर हत्या की थी।
गुरप्रीत सिंह बुधवार शाम अपने गांव में सरपंच पद की एक महिला उम्मीदवार के हक में प्रचार करने के बाद अपने घर वापस लौट रहा था। इसी दौरान मोटरसाइकिल पर सवार युवकों उसे गोली मार दी। तीन से चार गोलियां लगने से गंभीर घायल गुरप्रीत सिंह को फरीदकोट के गुरुगोबिंद सिंह मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सूत्रों के मुताबिक गुरप्रीत सिंह वारिस पंजाब समेत बहिबल इंसाफ मोर्चे से भी जुड़ा था। कुछ समय पहले गुरप्रीत सिंह को जान से मारने की धमकियां भी मिली थी।
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