– डॉ. मोनी थामस ने किया है जवाहर गुग्गल ब्लेजर का निर्माण
जबलपुर। जबलपुर स्थित जवाहलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के प्रधान कृषि वैज्ञानिक डॉ. मोनी थामस द्वारा विकसित ‘‘जवाहर गुग्गल ब्लेजर’’ नामक कृषि यंत्र को 20 वर्षों के लिये भारत सरकार (पेटेंट विभाग) ने पेटेंट किया है। यह विश्व का एक मात्र यंत्र है, जिससे गुग्गल के पौधों से बिना हानि के गोंद का सतत् विदोहन किया जा सकेगा।
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. प्रदीप कुमार बिसेन ने शनिवार को इसकी जानकारी देते हुए बताया कि यह पेटेंट दस वर्षों से गहन परीक्षण एवं राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा के बाद मिला है, जो विश्वविद्यालय के लिये गर्व का विषय और बड़ी उपलब्धि है। पेटेंट प्राप्त होना संस्थान की अनुसंधान गुणवत्ता को दर्शाता है। डॉ. थामस व टीम द्वारा विकसित सात और यंत्र पेटेंट हेतु भारत सरकार के पास विचाराधीन है।
उन्होंने बताया कि ‘‘जवाहर गुग्गल ब्लेजर’’ एक अनोखा सरल मानव संचालित गुग्गल गोंद विदोहन यंत्र है, जिससे विलुप्तप्राय बहुमूल्य गुग्गल गोंद का संग्रहण करते हैं। यह पौधा भारत सहित विश्व के कुछ चुनिन्दा स्थानों में ही अल्प संख्या में शेष रह गया है। यंत्र से उच्च गुणवत्ता वाला गोंद मिलता है और पौधा सूखने एवं अन्य हानि से बच जाता है। जनेकृविवि अपने उच्च गुणवत्तायुक्त शोध एवं नवाचार से देश में अपना अहम स्थान रखता है।
मध्यप्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड के सक्रिय सदस्य के रूप में कुलपति डॉ. बिसेन द्वारा विलुप्त प्रजातियों के संरक्षण, संवर्धन के लिये नीति गत कार्यां में निरंतर योगदान जारी है। विश्वविद्यालय में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली द्वारा वित्त पोषित नेटवर्क परियोजना के अंतर्गत गुग्गल पौध के संरक्षण, संवर्धन, सतत् विदोहन एवं मूल्य संवर्धन पर विगत एक दशक से सघन एवं गहन शोधकार्य किया जा रहा है। जिसका देश के कृषकों एवं गुग्गल संग्राहकों की आय बढ़ाने तथा फसल उत्पादन और प्रदेश की कृषि अर्थ-व्यवस्था में उल्लेखनीय योगदान है। (एजेंसी, हि.स.)
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