जबलपुर । मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के जबलपुर (Jabalpur) में पिता-पुत्र की मौत के मामले (father-son death case) में एक्सीडेंट क्लेम (accident claim) का पैसा देने के लिए मध्य प्रदेश पुलिस (MP Police) ने हाईकोर्ट में बेहद बेतुकी दलील पेश की. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने पुलिस विभाग की उस दलील को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि पिता-पुत्र की लापरवाही की वजह से सड़क दुर्घटना में उनकी मौत हुई है. जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने पुलिस की दलील को ठुकराते हुए पूर्व निर्धारित क्लेम का पैसा में बढ़ोत्तरी कर भुगतान करने का आदेश पुलिस विभाग को दिया है. वहीं राज्य शासन की ओर से पूर्व आदेश के विरुद्ध दायर अपील को अनुचित पाते हुए हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया है.
18 लाख रुपये दावा राशि की थी निर्धारित
प्रतिवादी रायसेन निवासी कमला साहू व अन्य की ओर से अधिवक्ता उदय कुमार साहू व लक्ष्मी गोल्हानी ने हाईकोर्ट में पक्ष रखा. उन्होंने दलील दी कि प्रतिवादी के पति विनोद साहू व पुत्र महेंद्र की सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी. पिता-पुत्र की मौत पुलिस के वाहन की टक्कर से हुई थी. इस मामले में अधीनस्थ न्यायालय ने 18 लाख रुपये क्लेम राशि का निर्धारण किया था.
दावा राशि के भुगतान में आनाकानी करना अनुचित- कोर्ट
राज्य शासन की तरफ से उस आदेश का पालन करने के स्थान पर हाई कोर्ट में अपील दायर कर दी गई. अपील में तर्क दिया गया कि सड़क दुर्घटना की वजह पिता-पुत्र की लापरवाही थी, इसलिए आदेशित क्लेम राशि में कटौती की जाए. हाईकोर्ट ने इस दलील को नकारते हुए साफ किया कि सड़क दुर्घटना में जिनकी जान चली गई उनकी लापरवाही बताकर अदालती आदेश के अनुरूप संपूर्ण क्लेम राशि के भुगतान में आनाकानी करना अनुचित है. कोर्ट ने पूर्व निर्धारित राशि में बढ़ोत्तरी कर भुगतान के निर्देश सहित अधीनस्थ न्यायालय का पूर्व आदेश बरकरार रखा जाता है.
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