भोपाल। 15वीं विधानसभा का चौथा बजट सत्र 7 मार्च से शुरू होगा। 25 मार्च तक चलने वाले सत्र में सरकार बजट पेश करेगी। इस बार के बजट में मिशन 2023 की झलक देखने को मिलेगी। इसकी वजह यह है कि प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए पौने दो साल बचे हैं। इसलिए सरकार की कोशिश है कि बजट में विकास योजनाओं के साथ ही रोजगार और हर वर्ग को साधने की कवायद की जाएगी। गौरतलब है कि कोरोना के कारण पिछले दो साल से पूरे देश में आर्थिक मंदी का माहौल है। मप्र भी इससे अछूता नहीं है। राज्य सरकार की माली हालत पहले से ही खराब है, इसलिए अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए बजट बनाते समय एक-एक बिंदु पर बारीकी से ध्यान दिया गया है। इसके लिए वित्त विभाग नवंबर से एक्सरसाइज कर रहा है।
बच्चों के लिए अलग से प्रावधान
इस बार के बजट में कई तरह के नए प्रयोग भी देखने को मिलेंगे। बजट में विभिन्न विभागों में होने वाले प्रावधानों में बच्चों के लिए अलग से प्रावधान किए जाएंगे। यह निर्णय इसलिए लिया गया है, क्योंकि सरकार बच्चों के विकास के लिए कई तरह के कदम उठा रही है। इन कार्यों को अब प्रमुखता से पूरा किया जाएगा। सरकार पिछले साल से बजट को पूरी तरह से पेपरलेस बनाने की कवायद में जुटी है, लेकिन इस बार भी बजट पूरी तरह से पेपरलेस नहीं होगा। हर साल की तरह इस साल भी बजट पुस्तिकाओं का प्रकाशन किया जाएगा। हालांकि पिछले साल की तरह वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा विधानसभा में टैबलेट से बजट प्रस्तुत करेंगे। इसके साथ ही ऐप पर भी बजट को देरवा जा सकेगा।
विकास कार्यों के लिए पर्याप्त राशि
मप्र सरकार का वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट लगभग तैयार हो गया है। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर विधानसभा क्षेत्रों में विकास कार्यों के लिहाज से वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट मप्र सरकार के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। सरकार बजट में विकास कार्यों के लिए पर्याप्त राशि का प्रावधान कर रही है, ताकि भाजपा विधायक अगले चुनाव में इन विकास कार्यों के बल जनता के बीच जा सकें। इसलिए भाजपा विधायकों से उनके विधानसभा क्षेत्र के महत्वपूर्ण और प्राथमिकता के कार्यों की सूची मांगी गई है, ताकि उन्हें बजट में शामिल किया ना सके।
आत्मनिर्भर मप्र पर फोकस
वित्त विभाग विभिन्न विभागों से चर्चा कर बजट को अपनी तरफ से अंतिम रूप दे चुका है। पिछली बार की तरह इस बार भी बजट में आत्मनिर्भर मप्र की झलक दिखेगी। वित्त विभाग ने पिछले महीने बजट भाषण के लिए सभी विभागों से आत्मनिर्भर मप्र को लेकर किए गए कामों का ब्योरा मांगा था। बजट के माध्यम से सरकार यह बताएगी कि प्रदेश ने आत्मनिर्भरता की ओर मजबूती से कदम बढ़ाए हैं। चाहे निवेश बढ़ाना हो या अधोसंरचना विकास के काम हों, प्रदेश किसी राज्य से पीछे नहीं है।
रोजगार के लिए उद्योगों पर हो फोकस
फेडरेशन ऑफ मध्य प्रदेश चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष डॉ. आरएस गोस्वामी का कहना है कि प्रदेश में मौजूदा उद्योगों की हालत बहुत खराब है। सरकार को अगर राजस्व बढ़ाने के साथ ही रोजगार के अवसर तुरंत बढ़ाना है, तो उसे मौजूदा उद्योगों पर पूरा फोकस करना होगा। इसके लिए हमने राज्य नीति आयोग के उपाध्यक्ष से भी मुलाकात की थी। हमने वित्त मंत्री के समक्ष भी प्रेजेंटेशन दिया है। हमने सरकार से कहा है कि वे 10 इंडस्टियल एरिया का चयन कर उनमें बजट बढ़ाकर उनका आधुनिकीकरण करें। उनमें राजस्व की 10 प्रतिशत ग्रोथ और रोजगार की 20 प्रतिशत ग्रोथ बढ़ाने को लेकर फेडरेशन एमओयू साइन करने के लिए तैयार है। प्रदेश में नया इन्वेस्टमेंट मृग मारीचिका है। सरकार कई साल से इस पर फोकस कर रही है, लेकिन उसे कुछ हासिल नहीं हो रहा है, इसलिए सरकार नए इन्वेस्टमेंट की बजाय मौजूदा उद्योगों पर ध्यान दे।
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