अशोकनगर। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के अशोकनगर रेलवे स्टेशन (Ashoknagar Railway Station) पर एक पुलिस जवान की सूझबूझ से एक नाबालिग लड़की की जान बच गई। इस लड़की की जान पर उस वक्त बन आई जब उसने चलती ट्रेन (Moving train) में चढ़ने की कोशिश की, इस दौरान उसका पैर फिसल गया और वह ट्रेन व प्लेटफॉर्म के बीच फंसते हुए ट्रेन के साथ घिसटने लगी। तभी वहां करीब ही खड़े जीआरपी के जवान (GRP Jawan) ने फुर्ती दिखाते हुए युवती को बाहर खींचते हुए उसकी जान बचा ली। उसकी इस बहादुरी से खुश डीजीपी कैलाश मकवाना ने आरक्षक को 10 हजार रुपए का नकद पुरस्कार देने की घोषणा भी की है।
इस पूरी घटना का एक वीडियो भी सामने आया है। लड़की की जान बचाने वाले जीआरपी आरक्षक का नाम गोविंद सिंह चौहान है, जिसकी सूझबूझ और साहस की हर तरफ तारीफ हो रही है। वहीं इस घटना की जानकारी मिलने और इसका वीडियो सामने आने के बाद मध्यप्रदेश पुलिस ने गोविंद सिंह को इस कार्य के लिए सम्मानित करने का फैसला लिया है।
आरक्षण गोविंद सिंह चौहान ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि ‘अशोकनगर स्टेशन पर बच्ची ट्रेन से उतरकर स्टेशन के बाहर खाने का कुछ सामान लेने गई थी। इसी बीच ट्रेन चल दी, जिसके बाद उसने भागते हुए ट्रेन पर चढ़ने की कोशिश की। इस दौरान उसके एक हाथ में मोबाइल था, और दूसरे हाथ में खाने के लिए खरीदा कुछ सामान था। उसे देखते ही अंदेशा हुआ कि बच्ची शायद चलती ट्रेन में नहीं चढ़ पाएगी। इसलिए मैं उसकी तरफ दौड़ा, और जैसे ही उसके पास पहुंचा, तभी यह घटना हो गई।’
बता दें कि 14 साल की यह लड़की बीना की रहने वाली है और अपनी मां और दो भाइयों के साथ बीना-कोटा मेमो ट्रेन से राजस्थान के बारां जा रही थी। दोपहर करीब एक बजे ट्रेन जब अशोकनगर पहुंची तो किशोरी खाना लेने प्लेटफॉर्म नंबर 1 पर उतरी थी। अचानक ट्रेन चल दी। जिस पर लड़की दौड़ते हुए आई और चलती ट्रेन में चढ़ने लगी, इसी दौरान वह गिर पड़ी।
वह ट्रेन और प्लेटफॉर्म के बीच फंसकर घिसटने लगी। तभी वहां खड़े पुलिस जवान गोविंद सिंह दौड़कर आए और उसने लड़की का हाथ पकड़ा और उसे बाहर की ओर खींच लिया। हादसे के बाद किशोरी बेहद घबरा गई, जिसके बाद उसके परिजनों को जीआरपी ने समझाया। इस घटना के कारण ट्रेन करीब 10 मिनट तक स्टेशन पर रुकी रही।
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