– मुख्यमंत्री ने ली बाढ़ राहत टास्क फोर्स समिति की बैठक, कहा- राहत एवं पुनर्वास कार्य पूरी तत्परता एवं कर्तव्यनिष्ठा से किया जाए
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा है कि प्रदेश में बाढ़ से बचाव कार्य में 8832 व्यक्तियों को बचाया (8832 persons rescued) गया तथा 32 हजार व्यक्तियों को सुरक्षित राहत कैम्पों (Safe relief camps to 32 thousand people) में पहुंचाया गया है। इस पूरे कार्य के लिए एनडीआरएफ की टीम के साथ ही हमारी एसडीआरएफ की टीम विशेष बधाई की पात्र है, जिन्होंने जान हथेली पर रखाकर लोगों की जान बचाई।
मुख्यमंत्री चौहान सोमवार शाम को मंत्रालय में बाढ़ राहत के लिए गठित 12 विभागों की टास्क फोर्स समिति की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक ले रहे थे। बैठक में टास्क फोर्स के सभी मंत्री, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस तथा सभी संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि बाढ़ पीड़ितों को राहत एवं उनके पुनर्वास का कार्य पूरी तत्परता और कर्तव्यनिष्ठा से किया जाए। हैंड पंप चालू कराए जाएं। संबंधित मंत्रियों के निर्देशन में टास्क फोर्स समिति के सभी 12 विभाग युद्ध स्तर पर राहत और पुनर्वास कार्य करें।
सही व्यक्ति न छूटे, अपात्र को न मिले लाभ
मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिए कि बाढ़ से हुए नुकसान का सर्वे सही एवं पारदर्शी हो। कोई भी प्रभावित व्यक्ति छूटे नहीं तथा किसी अपात्र व्यक्ति को लाभ न मिले, यह सुनिश्चित किया जाए। राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने क्षति की विस्तृत जानकारी दी। कृषि मंत्री कमल पटेल ने फसलों की क्षति की जानकारी दी। गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बचाव एवं राहत कार्यों की जानकारी दी।
पानी की स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें
मुख्यमंत्री ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को निर्देश दिए कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पेयजल की स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए। जल स्रोतों को क्लोरीन आदि के माध्यम से स्वच्छ किया जाए। हैंड पंप चालू कराए जाएं। मंत्री बृजेंद्र सिंह यादव ने बताया कि पेयजल की शुद्धि, मलबे की सफाई और दवाओं के छिड़काव का कार्य जारी हैं।
6-6 हजार रुपये तत्कालिक राहत दें
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जिनके मकान क्षतिग्रस्त हो गये है, उन्हें 6-6 हजार रुपये की तात्कालिक राहत तुरंत दी जाए, जिससे वे कुछ मरम्मत कर सकें अथवा अन्यत्र रहने की व्यवस्था कर सकें। पूरा सर्वे होने के बाद मकान के लिए 1 लाख 20 हजार रुपये की राशि भी दी जाएगी।
50-50 किलो गेहूं/आटा प्रदान करें
उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित हर परिवार को 50-50 किलो गेहूँ अथवा आटा मिल जाए, यह सुनिश्चित किया जाए।
सड़कों की तेजी से मरम्मत हो
मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिए कि बाढ़ से क्षतिग्रस्त सड़कों तथा पुल-पुलियों की तेजी से मरम्मत हो। साथ ही कनेक्टिविटी बहाल करें। जिन पुलों की मरम्मत तुरंत संभव न हो, उनके वैकल्पिक रास्ते की व्यवस्था की जाए। लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ने बताया कि बाढ़ से 189 छोटे पुल-पुलियाएं, सात बड़े पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं। मार्गों की क्षति लगभग 207 करोड़ रुपये की है।
बीमारियां न फैलें, विशेष सावधानी रखें
मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बीमारियाँ न फैलें इस संबंध में विशेष सावधानी रखें। उपचार एवं दवाओं की व्यवस्था तथा छिड़काव करवाया जाए। लोक स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने बताया कि बाढ़ प्रभावित 386 गांवों में 139 स्वास्थ केंद्र सेवाएं दे रहे हैं।
पशुओं में बीमारी न फैले
मुख्यमंत्री ने पशुपालन विभाग को निर्देश दिए कि पशुओं के स्वास्थ्य की भी पूरी सुरक्षा की जाए। उनमें बीमारी न फैले। मृत पशुओं को दफनाने की व्यवस्था की जाए। क्षति सर्वे कर पशु हानि का मुआवजा दिया जाए। पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल ने क्षति एवं राहत की जानकारी दी।
100 उचित मूल्य दुकानें प्रभवित
खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने बताया कि बाढ़ से 180 उचित मूल्य दुकानें प्रभावित हुई हैं। राशन वितरण की वैकल्पिक व्यवस्था कर ली गई है। नगरीय विकास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि बाढ़ग्रस्त नगरीय क्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल, बिजली, साफ-सफाई आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।
बांध एवं नहरों की मरम्मत
मुख्यमंत्री चौहान ने जल संसाधन विभाग को निर्देश दिए कि क्षतिग्रस्त बांधों एवं नहरों की मरम्मत का कार्य युद्ध स्तर पर कराएं। जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने बताया कि बाढ़ से 8 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई प्रभावित हुई है।
अधिकांश स्थानों पर बिजली चालू
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बताया कि बाढ़ प्रभावित अधिकांश स्थानों पर बिजली चालू हो गई है। जहाँ अभी भी जल का भराव है, वहाँ पानी उतरते ही बिजली चालू की जाएगी।
मनरेगा के कनवर्जेन्स से एक लाख 20 हजार रुपये
मुख्यमंत्री ने ग्रामीण विकास विभाग को निर्देश दिए कि जिनके मकान टूट गए हैं, उन्हें बनवाने के लिए मनरेगा के कनवर्जेन्स से एक लाख 20 हजार रुपये दिए जाने संबंधी कार्रवाई करें। ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया ने बताया कि बाढ़ से लगभग 100 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
पके हुए भोजन की व्यवस्था करें
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि बाढ़ प्रभावितों को पके हुए भोजन की व्यवस्था के लिए मध्यान्ह भोजन बनाने वालों से भोजन बनवाने की व्यवस्था की जाए। (एजेंसी, हि.स.)
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