इंदौर। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर जिले (Indore district) में प्रशासन ने खेतों में नरवाई (फसल अवशेष) जलाने की घटनाओं को लेकर सख्त कदम उठाते हुए किसानों पर तगड़ा जुर्माना (Heavy fines on Farmers) लगाने के साथ ही खेत मालिकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराना शुरू कर दिया है। जिलाधिकारी आशीष सिंह (District Magistrate Ashish Singh) ने इस बारे में बुधवार को जानकारी देते हुए संवाददाताओं को बताया कि, ‘हम खेतों में पराली जलाने वाले लोगों के खिलाफ नियम-कायदों के तहत सख्त कार्रवाई कर रहे हैं।’
कलेक्टर ने बताया कि आसपास के गांवों में पराली जलाने से देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर की वायु गुणवत्ता पर बुरा असर पड़ रहा है। प्रशासन के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि जिले में पराली जलाने को लेकर पिछले चार दिनों के भीतर 770 किसानों पर कुल 16.71 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है।
नरवाई जलाने को लेकर प्रतिबंधात्मक आदेश जारी
अधिकारी ने बताया कि कलेक्टर ने पराली जलाने की घटनाओं की रोकथाम के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश भी जारी किया है। अधिकारी ने बताया, ‘यह आदेश पराली जलाने से पर्यावरण, आम लोगों और जीव-जंतुओं को होने वाले नुकसान को रोकने के लिए जारी किया गया है।’
1 साल की जेल या 5 हजार रुपए के जुर्माने का प्रावधान
अधिकारी ने बताया कि प्रतिबंधात्मक आदेश के उल्लंघन पर जिले में संबंधित खेत मालिकों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के तहत तीन प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। इस कानूनी प्रावधान के तहत दोषी को एक वर्ष तक के कारावास या 5,000 रुपए तक के जुर्माने या दोनों सजाओं से दण्डित किया जा सकता है।
किसान कर रहे प्रशासन का विरोध
इस बीच, पराली जलाने वाले किसानों पर तगड़ा जुर्माना लगाने की कार्रवाई को लेकर कृषक संगठन आपत्ति जता रहे हैं। पश्चिमी मध्यप्रदेश के मालवा-निमाड़ अंचल में संयुक्त किसान मोर्चा के संयोजक रामस्वरूप मंत्री ने कहा,‘हम मानते हैं कि खेतों में पराली जलाना गलत है, लेकिन ऐसे मामलों में किसानों पर एकाएक मोटा जुर्माना लगा दिया जाना भी अनुचित है।’ उन्होंने मांग की कि कृषि विभाग के अफसरों को गांवों का दौरा करना चाहिए और पराली को नष्ट करने के लिए वैकल्पिक इंतजाम करने चाहिए।
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