रायसेन (Raisen) । मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के रायसेन (Raisen) में राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग (NCPCR) ने शराब बनाने वाली कंपनी (liquor factory) की जांच पड़ताल की. इस दौरान 60 नाबालिग (minor) काम करते मिले हैं. बच्चों के हाथ गले पाए गए. इन्हें स्कूल बस से फैक्ट्री में लाया जाता था. बाल मजदूरों से 15 -15 घंटे तक कम पैसों में काम कराया जा रहा था. इन बाल मजदूरों के हाथ केमिकल से बुरी तरह गल गए हैं. सभी को भोपाल भेजा जा रहा है, जहां आगे की कार्रवाई की जाएगी. फैक्ट्री मालिक के खिलाफ एफआईआर के लिए आयोग लिख रहा है. अब इस मामले में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कड़ा रुख अपनाते हुए कई अफसरों पर एक्शन लिया है.
सीएम मोहन यादव ने मामले को बेहद गंभीर बताया और 24 घंटे के अंदर ही कार्रवाई करते हुए प्रभारी जिला आबकारी अधिकारी कन्हैयालाल अतुलकर, मैसर्स सोम डिस्टलरीज प्राइवेट लिमिटेड, सेहतगंज को निलंबन कर दिया. इसके अलावा रायसेन जिले के तीन आबकारी उप-निरीक्षकों प्रीति शैलेंद्र उईके, शैफाली वर्मा और मुकेश कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है.
दरअसल, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने बचपन बचाओ एनजीओ की शिकायत पर रायसेन के सोम डिस्टलरीज शराब बनाने वाली फैक्ट्री पर छापा मारा. इस दौरान लगभग 60 नाबालिग लड़के-लड़कियां शराब बनाने के काम में लगे मिले हैं.
आयोग का कहना है कि किसी भी हाल में आरोपियों को बख्शा नहीं जाएगा. आबकारी अधिकारियों सहित जिले के जिम्मेदार अधिकारियों पर भी कार्रवाई की बात कही गई है. नाबालिगों की 12 व 13 साल बताई जा रही है. आयोग की छापेमारी से हड़कंप मचा हुआ है.
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के प्रियंक कानूनगो ने कहा कि NGO से शिकायत मिली थी कि मध्य प्रदेश के रायसेन जिले के सेहतगंज में सोम डिस्टिलरीज नाम की शराब फैक्ट्री में बच्चों से मजदूरी कराई जा रही है. यहां निरीक्षण के दौरान बच्चे शराब बनाने का काम करते मिले हैं. बच्चों को रेस्क्यू करने की कार्रवाई कर रहे हैं. स्कूल बस यहां खड़ी मिली है.
उन्होंने कहा कि हम पुलिस के पास रिपोर्ट दर्ज करा रहे हैं. फैक्ट्री मालिक को गिरफ्तार करवाएंगे. आयोग अंत तक इस मामले में अपराधियों को प्रॉपर सजा दिलाने के लिए काम करेगा. बच्चों के हाथों की स्किन गल चुकी है. 13 साल के सिक्स क्लास, नाइंथ क्लास के बच्चे यहां पर मिले हैं. यह अमानवीय है. आयोग बच्चों को मुआवजा के लिए काम करेगा.
पुलिस को धारा 370 के तहत कार्रवाई के लिए लिख रहे हैं. मुख्यमंत्री बहुत संवेदनशील हैं, उनके मामले में जानकारी आने के बाद वह दोषियों को छोड़ेंगे नहीं. आबकारी अधिकारी पर भी कार्रवाई करने की बात कही गई है. किसी प्रकार से छोड़ा नहीं जाएगा.
अनुविभागीय पुलिस अधिकारी रायसेन प्रतिभा शुक्ल ने कहा कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने निरीक्षण किया है. 50 से ज्यादा बाल मजदूर पाए गए हैं. बाल आयोग की शिकायत के आधार पर कार्रवाई की जाएगी. वेरीफिकेशन होना बाकी है, 50 से ऊपर बच्चे मिले हैं.
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