ग्वालियर। ग्वालियर (Gwalior) में रामकृष्ण मिशन के सचिव (Ramakrishna Mission Secretary) के साथ 2.52 करोड़ की ठगी के मामले में पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। ग्वालियर पुलिस (Gwalior Police) की एसआईटी ने छह लोगों को गिरफ्तार (Six people arrested) किया है। चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें ज्यादातर निजी बैंक के कर्मचारी और अधिकारी शामिल। पुलिस ने बताया है कि ठगों के तार निजी बैंक के अधिकारियों और कर्मचारियों से जुड़े हुए हैं।
पिछले हफ्ते ग्वालियर में रामकृष्ण मिशन आश्रम के सचिव सुप्रियदीपतानंद को मनी लॉन्ड्रिंग केस में फसाने के नाम पर 26 दिन डिजिटल अरेस्ट रखने का मामला सामने आया था। इस दौरान उनसे 2.52 लाख रुपए की ठगी कर ली गई थी। घटना पर संज्ञान लेते हुए ग्वालियर पुलिस ने तुरंत SIT का गठन किया। सबसे पहले टीम ने यह देखा कि पैसा कहां और किसके खाते में ट्रांसफर किया गया है। जांच में पता चला कि उज्जैन जिले में बंधन बैंक के एक खाते में 10 लाख रुपए ट्रांसफर किए गए हैं।एसआईटी ने उज्जैन में बैंक से जुड़े 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। इस पूरे खेल का मास्टरमाइंड उदयराज है जिसने पूरी प्लानिंग की थी।
SIT ने जिन लोगों को गिरफ्तार किया है उनमें कई किरदार हैं। बैंक मैनेजर विश्वजीत बर्मन रतलाम- यह ठगों के कहने पर बैंक में खाता खुलवाता था। शुभम राठौड़- बैंक के ऑफिस बॉय हिमांशु से मिलकर ठगों के लिए फर्जी खाता खोलता था। काजल जैसवाल उज्जैन- बैंक में कैशियर है। ठगों के खातों से रुपए निकालने और ट्रांसफर करती थी। तुषार गोमे नागदा- ठगी का मास्टरमाइंड उदयराज का साथी है। 3 महीने में बैंक के खातों से तीन करोड़ रुपए निकाल चुका है। राहुल कहार चेतानपुरा – सब्जी विक्रेता इसके खाते में ही स्वामी से ठगे लगभग 10 लाख रुपए ट्रांसफर किए गए। किशोर विनाज्ञा- ठगों के खातों से रुपए निकालने ट्रांसफर करने का काम करता था।
सिर्फ इतना ही नहीं यह बैंक कर्मचारी पुलिस की सूचना ठगों तक पहुंचाने का काम भी करते। डिजिटल अरेस्ट के जरिए ठगी करने वाले यह साइबर क्रिमिनल बैंक अधिकारियों से मिलकर खाता खुलवाने का ₹5000 देते थे और हर ट्रांजैक्शन पर यह खातेदार को भी रकम पहुंचाते थे। यानी ये किराए पर खाते लेते थे। खाते से संबंधित सभी जरूरी दस्तावेज पासबुक, चेक बुक , एटीएम कार्ड और इंटरनेट बैंकिंग के राइट्स अपने पास ही रखते थे। फिलहाल यह सभी बैंक कर्मचारी पुलिस की रिमांड पर हैं और पूछताछ में इनसे और भी कई खुलासे से हो सकते हैं।
उज्जैन के अलावा लगभग एक करोड़ 30 लाख रुपए की राशि इलाहाबाद में इंडसइंड बैंक में एक कंपनी के खाते में भी ट्रांसफर की गई है यह खाता प्राइवेट कंपनी के नाम पर है…SIT इसकी पड़ताल कर रही है। प्रदेश के इस सबसे बड़े डिजिटल अरेस्ट को पुलिस ने चुनौती के रूप में लिया है, लेकिन रकम बरामद कर पाना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती है।
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