दमोह। मध्यप्रदेश के दमोह (Damoh) जिले में हिंदू धर्म छोड़कर ईसाई धर्म अपनाने वाले करीब 250 लोगों ने रविवार को दोबारा हिंदू धर्म अपना लिया। विधि-विधान (law and order) से हवन-पूजन कराया गया, उसके बाद बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Peethadhishwar Dhirendra Krishna Shastri of Bageshwardham) के समक्ष इन सभी को बुलाया गया। इन्होंने अपने हिंदू धर्म छोड़ने (leaving Hinduism) पर माफी मांगी और अब कभी वापस अपना धर्म न छोड़ने का संकल्प लिया। उसके बाद बागेश्वरधाम सरकार ने इन्हें आशीर्वाद दिया।
बता दें कि सैकड़ों महिलाएं और पुरुष पीठाधीश्वर से मिलने पहुंचे। यहां पर इन लोगों ने बताया कि वह किस तरह धर्म परिवर्तन कर ईसाई बने थे। कथावाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने इन सभी लोगों को शपथ दिलाई कि वह अब जीवन में कभी दोबारा अपना धर्म छोड़कर किसी और धर्म में नहीं जाएंगे। काफी साल पहले कई प्रकार के लोभ और लालच के चलते शहर के आसपास लगे गांव में रहने वाले करीब 250 लोगों ने हिंदू धर्म छोड़कर ईसाई धर्म अपना लिया था। उसके बाद देवी-देवताओं के फोटो अलग कर प्रत्येक रविवार को उन्हे चर्च बुलाया जाने लगा था। यह लोग वापस हिंदू धर्म में वापस आना चाह रहे थे, लेकिन कोई माध्यम नहीं मिल पा रहा था।
हिंदू धर्म छोड़ने वाले युवक जितेंद्र अहिरवार ने कहा, उसके पिता से धर्म परिवर्तन करने वाले लोगों ने मेरे पैरों का इलाज करवाने के लिए कहा था। लेकिन कोई इलाज नहीं करवाया। धर्म परिवर्तन करवाने वाले लोगों का कहना था कि यदि घर पर किसी की मौत भी हो जाए तो पहले चर्च आकर प्रार्थना करनी है, लेकिन वह लोग गरीब हैं। काम पर जाने के कारण प्रार्थना नहीं कर पाते तो घर पर आकर डांटते थे।
इस समय दमोह बागेश्वधाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की श्रीराम कथा चल रही है और उन्हीं के समक्ष इन लोगों ने वापस हिंदू धर्म अपनाने का प्रण लिया। रविवार की सुबह इन सभी लोगों को आर्शीवाद गार्डन बुलाया गया, यहां पंडितों के द्वारा विधि-विधान से हवन, पूजन कराया गया और गंगाजल छिड़ककर शुद्धीकरण किया गया। उसके बाद स्थानीय कृष्णा गेस्ट हाउस में बागेश्वरधाम पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री रूके हैं। यहां इन सभी लोगों को बुलाया गया, जहां पीठाधीश्वर ने इन सभी लोगों को आशीर्वाद दिया।
हिंदू धर्म छोड़ने की वजह पूछी तो लोगों ने बताया, पैसों और कई प्रकार के प्रलोभन के कारण उन्होंने हिंदू धर्म छोड़कर ईसाई धर्म अपनाया था। अब वह वापस हिंदू धर्म अपनाना चाहते हैं, जिस पर कथा व्यास धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने उन सभी लोगों को संकल्प दिलाया और पुरानी बात छोड़कर वापस हिंदू धर्म अपनाने पर अपना आशीर्वाद प्रदान किया। पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा, कोई रुपये दे तो ले लो बच्चों की पढ़ाई, उनकी अच्छी परवरिश में खर्च कर दो। हम गरीब लोग हैं, लेकिन अब धर्म नहीं बदलना, अभी आपको और जो साथी रह गए हैं, उन्हें लेकर आना। हमारे पूर्वजों ने सनातन धर्म के लिए अपने प्राण तक दे दिए हैं, उन्हे मत लजवाओ।
ईसाई धर्म छोड़कर वापस हिंदू धर्म अपनाने वाले सभी लोगों को बागेश्वरधाम पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने शपथ दिलाई कि आज सभी यह संकल्प लेते हैं कि हमेशा जीवन पर्यंत अपने संतों की, सनातन धर्म की रक्षा के लिए प्राण दे देंगे। लेकिन भूलकर भी अन्य धर्म में नहीं जाएंगे। हम शपथ खाते हैं हनुमानजी महाराज, रविदास महाराज, मीराबाई, महर्षि वाल्मिकी, गोस्वामी तुलसीदास, जागेश्वर महादेव और बागेश्वर बाला जी इनके चरणों की सौगंध खाते हैं, हम भूलकर भी कभी दूसरे धर्म में नहीं जाएंगे। हमसे जो गलती हुई है, हमसे जो भूल हुई है, दूसरे धर्म में जाने की प्रभु हमें क्षमा करो।
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