पूर्व विधायकों का अनुभव हमारी पूंजी, उनके सम्मान की रक्षा हमारा कर्तव्य: गौतम
भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा (Madhya Pradesh Legislative Assembly) के अध्यक्ष गिरीश गौतम (Girish Gautam) ने कहा कि सदन के पूर्व सदस्यों (former members of the house) के मान-सम्मान और उनकी गरिमा का पूरी तरह से ध्यान रखते हुए उनकी समस्याओं का निराकरण भी किया जाएगा। पूर्व विधायकों का अनुभव हमारे लिए एक पूंजी है, आज हमें उनके मार्गदर्शन का लाभ उठाना चाहिए। पूर्व सदस्यों के मान-सम्मान की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है।
गौतम गुरुवार को विधानसभा स्थित सभागार में आयोजित पूर्व विधायकों के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। विधानसभा अध्यक्ष गौतम की पहल पर पहली बार मध्य प्रदेश में पूर्व विधायकों का यह सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें उन्होंने विधायकों के हित में अनेक घोषणाएं कीं और उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी सभी समस्याओं के निराकरण का यथासंभव प्रयास भी किया जाएगा। समारोह में लगभग 260 पूर्व विधायक उपस्थित रहे और उन्होंने अपने सुझाव भी दिए। पूर्व विधायकों ने अध्यक्ष गौतम की घोषणाओं और रवैये की सराहना करते हुए कहा कि इससे उन्हें काफी उम्मीदें जागी है।
विधानसभा अध्यक्ष गौतम ने कहा कि पूर्व विधायक जब किसी कारणवश भोपाल आते हैं, तो उन्हें ठहरने संबंधी समस्या का सामना करना पड़ता है। इसके निराकरण के लिए निर्णय लिया गया है कि विधायक विश्रामगृह के पच्चीस कक्ष सिर्फ पूर्व विधायकों के लिए ही आरक्षित रखे जाएंगे। इनमें से बीस पुरुषों के लिए और पांच पूर्व महिला सदस्यों के लिए आरक्षित रहेंगे। इसके साथ ही आवास संबंधी व्यवस्थाओं में और सुधार लाया जाएगा।
गौतम ने कहा कि पूर्व विधायक अभी भी समाज का नेतृत्व करते हैं और उनकी एक प्रतिष्ठा भी है। इसलिए उनके गौरव और सम्मान की रक्षा के प्रयास वे स्वयं करेंगे। इसके लिए अनेक प्रस्ताव तैयार किए गए हैं। इसके तहत पूर्व विधायकों को रेलवे में आरक्षण संबंधी सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि पूर्व विधायकों को यदि कोई ऐसी निजी समस्या भी है, जिनका कोई हल नहीं निकल पा रहा है, तो वे उनके समक्ष रख सकते हैं। वे उनके निराकरण का प्रयास भी करेंगे।
उन्होंने कहा कि आज की पीढ़ी को सूचना प्रौद्योगिकी का युग है, लेकिन इसके साथ हमें जरूरी है कि जमीन पर भी काम हो। इसलिए आवश्यक है कि हम पुराने और अनुभवी पूर्व सदस्यों के अनुभव का लाभ भी प्राप्त करें। गौतम ने बताया कि 2008 से विधानसभा में पुरस्कार प्रदान नहीं किए गए हैं। अब इसे फिर से प्रारंभ किया जा रहा है। आगामी 9 मार्च को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला जी के करकमलों से यह पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इस तरह का सम्मेलन आगे भी आयोजित करने के प्रयास होंगे और पूर्व सदस्यों के सभी समस्याओं का निराकरण करते हुए उनके सम्मान की रक्षा की जाएगी। इस मौके पर वरिष्ठ पूर्व विधायक रघुनंदन शर्मा ने सभी पूर्व सदस्यों की ओर से विधानसभा अध्यक्ष के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि उन्होंने जो निर्णय लिए हैं, वे पूर्व में कभी नहीं हुए हैं। उन्होंने श्री गौतम को ‘सार्वभौमिक अध्यक्ष’ निरुपित किया।
विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह ने इस अवसर पर कहा कि मध्यप्रदेश विधानसभा के पूर्व सदस्यों का यह सम्मेलन एक गरिमामय और ऐतिहासिक आयोजन है। हमें विश्वास है कि पूर्व सदस्यों के अनुभवों का लाभ हम सभी को प्राप्त होगा। इस अवसर पर मध्यप्रदेश विधानसभा के पूर्व सदस्यों में डॉ. गौरीशंकर शेजवार, नारायण सिंह केसरी, सुधा जैन, मधुकर हर्णे, रामगोपाल भारती, अरूण मिश्रा, नन्हेलाल धुर्वे, शशि ठाकुर, जुगल किशोर गुप्ता, विजेंद्र सिंह सिसोदिया, जसवंत सिंह, रामदयाल अहिरवार, श्यामलाल ठक्कर सहित लगभग 250 पूर्व सदस्यगण उपस्थित थे। (एजेंसी, हि.स.)
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