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    मप्रः महाकालेश्वर की नगरी में आज शाम प्रज्ज्वलित होंगे 21 लाख दीप, बनेगा विश्व रिकार्ड

  • March 01, 2022

    – शिव ज्योति अर्पणम महोत्सव में शामिल होंगे मुख्यमंत्री, शिव विवाह संदर्भ और शिव के अर्द्धनारीश्वर स्वरूप पर होंगे व्याख्यान

    भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) महाशिवरात्रि (mahashivratri) के पावन पर्व पर आज भगवान महाकालेश्वर की नगरी उज्जैन (city of Lord Mahakaleshwar Ujjain) में शिव ज्योति अर्पणम महोत्सव (Shiv Jyothi Arpanam Festival) में शामिल होंगे। महोत्सव में पुण्य सलिला माँ क्षिप्रा के विभिन्न घाटों, देवस्थानों, मंदिरों सहित उज्जैन नगर में घर-घर दीप प्रज्जवलित किए जाएंगे। शिव ज्योति अर्पणम महोत्सव में 21 लाख दीप प्रज्ज्वलित करने का लक्ष्य रखा गया है। महोत्सव के लिए राणौजी की छतरी पर बने स्टेज से मुख्यमंत्री चौहान महोत्सव में शामिल होंगे तथा रामघाट पर दीप प्रज्जवलित करेंगे।


    जनसम्पर्क अधिकारी संदीप कपूर ने सोमवार को बताया कि महाशिवरात्रि पर्व पर त्रिवेणी कला संग्रहालय उज्जैन में शिव सत्य की कला अभिव्यक्तियों पर केन्द्रित महादेव कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। एक मार्च महाशिवरात्रि से शुरू यह कार्यक्रम तीन मार्च तक चलेगा। इसमें व्याख्यान के साथ शास्त्रीय एवं लोकनृत्य शैलियों में नृत्य नाटिका और समूह नृत्य की प्रस्तुति होगी। साथ ही भक्ति गायन, लोक गायन, चित्रांकन शिविर और प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी।

    खिलाड़ी, व्यापारी, विद्यार्थियों सहित अखाड़ों के संत भी होंगे शामिल
    महोत्सव के लिए उज्जैनवासियों में अपार उत्साह है। क्षिप्रा नदी पर स्थित घाटों पर 13 लाख दीप प्रज्ज्वलित करने की व्यवस्था की गई है। महोत्सव में क्षिप्रा नदी स्थित रामघाट, दत्त अखाड़ा, नरसिंह घाट, रविदास घाट, गुरूनानक घाट, सुनहरी घाट आदि पर दीप प्रज्जवलित किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त महाकाल मंदिर, हरसिद्धि मंदिर, मंगलनाथ मंदिर, गोपाल मंदिर, काल भैरव, गढ़कालिका और सिद्ध वट पर भी दीप शोभायमान होंगे। टॉवर चौराहा, शहीद पार्क, क्षीरसागर और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर जन-सहभागिता से बड़ी संख्या में दीप प्रज्जवलित करने की योजना है। शहर के लोग अपने-अपने घरों में भी दीप जलाएंगे। इस पूरी व्यवस्था के लिए सेक्टर प्रभारियों को दायित्व सौंपा गया है। शिव ज्योति अर्पणम महोत्सव को गिनीज वर्ल्ड ऑफ रिकार्ड में दर्ज कराने के लिए बड़ी संख्या में स्वयंसेवी जुटे हैं। स्वयंसेवी संस्थाएँ, सामाजिक संगठन, धार्मिक संस्थान, खिलाड़ी, व्यापारी, विद्यार्थी और अखाड़ों के संतगण भी अभियान में शामिल हैं। क्षिप्रा नदी के घाटों पर 13 लाख दीपों सहित मंदिरों, सार्वजनिक स्थलों, घरों में समग्र रूप से 21 लाख दीप प्रज्जवलित किए जाएंगे।

    एक स्वयंसेवक पर 100 दीयों के प्रज्जवलन का दायित्व

    महोत्सव में घर-घर दीपोत्सव का आयोजन किया जाएगा। समस्त व्यावसायिक स्थलों और प्रतिष्ठानों पर आकर्षक विद्युत साज-सज्जा की जाएगी। उज्जैन शहर को भी सजाया जाएगा। क्षिप्रा नदी के तटों पर दीप प्रज्जवलन के लिए सात सेक्टर बनाए गए हैं। रामघाट पर 3 लाख 64 हजार 132, दत्त अखाड़ा पर 2 लाख 12 हजार 204, भूखी माता मंदिर में 2 लाख 21 हजार 482, नरसिंहघाट कर्क राजमंदिर पर एक लाख 74 हजार 734, नरसिंहघाट पुल भूखी माता घाट पर एक लाख 69 हजार 328, धोबीघाट पर एक लाख 14 हजार 748 और सुनहरी घाट पर 50 हजार 280 दीप प्रज्जवलित किए जाएंगे। तेरह लाख मिट्टी के दीयों के प्रज्जवलन में 13 हजार स्वयंसेवकों की भागीदारी रहेगी, जिसका पर्यवेक्षण 200 पर्यवेक्षक करेंगे। इस आयोजन के लिए 6 समितियों का गठन किया गया है। प्रत्येक 100 दीयों के प्रज्जवलन का दायित्व एक स्वयंसेवक पर होगा। प्रत्येक ब्लॉक में 200 दीपक होंगे, प्रत्येक उप क्षेत्र में 10 हजार ब्लॉक होंगे। कार्यक्रम के लिए बड़ी संख्या में स्वयंसेवकों ने पंजीयन कराया है।

    जीरो वेस्ट स्वरूप में आयोजित होगा कार्यक्रम
    एक साथ 21 लाख दीप प्रज्जवलित करने के इस महोत्सव को रिकार्ड के रूप में दर्ज करने के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड की टीम उज्जैन पहुँच गई है। इतनी विशाल संख्या में दीप प्रज्जवलित करने इस कार्यक्रम को स्वच्छता और पर्यावरण की दृष्टि से पूरी संवेदनशीलता के साथ क्रियान्वित किया जाएगा। प्रयास यह है कि कार्यक्रम जीरो वेस्ट स्वरूप में हो। महोत्सव में ऐसी सामग्री का उपयोग किया जा रहा है, जिसकी रिसाइक्लिंग संभव होगी।

    उज्जैन, उड़ीसा, केरल के कलाकार देंगे सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ

    महाशिवरात्रि पर्व पर त्रिवेणी कला संग्रहालय उज्जैन में महादेव-शिव सत्य की कला अभिव्यक्तियाँ में व्याख्यान, नृत्य, संगीत और चित्रांकन पर केन्द्रित तीन दिवसीय कार्यक्रम होगा। एक मार्च को अर्द्धनारीश्वर स्वरूप तथा महिमा विषय पर उज्जैन के डॉ. बालकृष्ण शर्मा का व्याख्यान होगा। साथ ही भुवनेश्वर के गुरू अतसी मिश्रा एवं समूह द्वारा शास्त्रीय एवं लोकनृत्य शैलियों पर केन्द्रित कल्याण सुन्दरम् नृत्य नाटिका प्रस्तुत की जाएगी। उज्जैन के नितिन अखंड एवं साथी भक्ति गायन में शिव महिमा प्रस्तुत करेंगे।

    दो मार्च को उज्जैन के आनंद शंकर व्यास, उज्जयिनी महाकाल और काल गणना की नगरी विषय पर व्याख्यान देंगे। कन्नूर केरल की डॉ. लता इडावलत के निर्देशन में शास्त्रीय नृत्य शैलियों में अर्द्धनारीश्वर समूह नृत्य की प्रस्तुति होगी। उज्जैन के डॉ. राजुल सिंधी तथा साथी लोक गायन स्वरूप में शिव महिमा प्रस्तुत करेंगे।

    अंतिम दिन तीन मार्च को मनोज श्रीवास्तव का “शिव विवाह संदर्भ : दर्शन तथा प्रदर्शन” विषय पर व्याख्यान होगा। उज्जैन की कृष्णा वर्मा एवं साथी माच शैली में शिव बारात की प्रस्तुति देंगे और उज्जैन की ही डॉ. खुशबू पांचाल एवं साथियों द्वारा शिव आनंद तांडव नृत्य नाटिका प्रस्तुत की जाएगी। शासकीय ललित कला संस्थान इंदौर के कलाकारों द्वारा चित्रांकन शिविर और प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। (एजेंसी, हि.स.)

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