भोपाल । मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में बीते चार दिन से हो रही भारी बारिश (Heavy rain) से कई इलाकों में नदी-नाले उफान पर आने से बाढ़ (Flooding) के हालात बने हुए हैं। ग्वालियर-चम्बल (Gwalior-Chambal) में बाढ़ से ज्यादा नुकसान हुआ है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत अभियान चलाया जा रहा है। अत्यधिक बारिश से प्रदेश के शिवपुरी, श्योपुर, दतिया, ग्वालियर, गुना, भिंड और मुरैना जिलों के 1,225 गांव प्रभावित हैं। 240 गांवों में एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, भारतीय सेना और बीएसएफ ने मिलकर लगभग 5,950 लोगों को सुरक्षित निकालने में सफलता प्राप्त की है। सेना की मदद से राहत एवं बचाव कार्य जारी है। हालांकि, अभी तक अतिवृष्टि के चलते प्रदेश में 12 लोगों की मौत हो चुकी है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने बुधवार को पुनः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) से सम्पर्क कर उन्हें स्थिति से अवगत कराया है। साथ ही मुख्यमंत्री ने बीएसएफ, एयरफोर्स, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस सभी को बधाई दी है। उन्होंने कहा है कि आप बेहतर कार्य कर रहे हैं। आपके कारण हम लोगों की जिंदगी बचा पा रहे हैं। हमारी प्राथमिकता सतर्क रहते हुए अभी फंसे हुए लोगों को निकालना है।
मुख्यमंत्री चौहान मंत्रालय में स्थित सिचुएशन रूम में रेस्क्यू ऑपरेशन की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। उन्होंने बुधवार को मीडिया से बातचीत में कहा है कि बारिश का वेग ज़रूर कम हो गया है, लेकिन मौसम उत्तर की दिशा में शिफ्ट हो रहा है। मुझे विश्वास है कि भयानक बारिश नहीं होगी, हम जनता को राहत पहुंचाने के प्रयास लगातार कर रहे हैं। व्यवस्थाएँ पुनः सुदृढ़ हों, आज से इसके प्रयास भी किये जाएंगे। उन्होंने बताया कि अत्यधिक बारिश से प्रदेश के 1,225 गाँव प्रभावित हैं। बचाव दलों ने अब तक लगभग 5,950 लोगों को सुरक्षित बचा लिया है। बचाव और राहत का कार्य लगातार जारी है।
मुख्यमंत्री चौहान ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से फोन पर चर्चा कर उन्हें प्रदेश में बाढ़ की स्थिति और चलाये जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन के बारे में अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को बताया कि श्योपुर जिले में मोबाइल टावर और कंम्यूनिकेशन कुछ स्थानों पर बंद है जिससे संपर्क करने में परेशानी आ रही है, ग्वालियर गुना रेलवे ट्रैक बंद है। पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री चौहान को केंद्र सरकार द्वारा हर संभव सहयोग का भरोसा दिया है। आर्मी के 4 कॉलम शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया व श्योपुर में बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। एयरफोर्स के हेलीकॉप्टरों ने कुछ देर पहले बचाव कार्य शुरू कर दिया है।कोटा बैराज से पानी छोड़ने के कारण चंबल नदी का जलस्तर बढ़ा है जिससे चंबल संभाग के मुरैना भिंड जिलों के कुछ गांव प्रभावित हो सकते हैं।
सीएम ने प्रधानमंत्री को बताया कि एसडीआरएफ की 29 टीमें बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में बचाव कार्य में जुटी हुई है। एनडीआरएफ की 3 टीमें ग्वालियर और 2 टीमें शिवपुरी जिले के बाढ़ क्षेत्रों में क्षेत्रों में बचाव कार्य का जिम्मा संभाले हैं। वर्तमान में ग्राम जवालापुर, भेरावदा, मेवाड़ा, जातखेड़ा में फंसे लगभग 1 हजार लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए अभियान जारी है। प्रधानमंत्री जी ने आश्वस्त किया कि केंद्र सरकार राहत एवं बचाव कार्य में प्रदेश की हरसंभव सहायता करेगी।
वहीं, गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री चौहान से फोन पर प्रदेश में बाढ़ की स्थिति पर बचाव कार्य की विस्तृत जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री को मध्यप्रदेश में बाढ़ की वर्तमान स्थिति और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चलाये जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन के बारे में बताया। मुख्यमंत्री चौहान ने लोगों को रेस्क्यू करने में केंद्र सरकार द्वारा प्राप्त सहयोग के लिए गृहमंत्री को धन्यवाद दिया। गृह मंत्री ने मुख्यमंत्री चौहान को आश्वस्त किया कि केंद्र सरकार द्वारा लोगों को रेस्क्यू करने में हर प्रकार का आवश्यक सहयोग प्रदान किया जाएगा।
मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि ग्वालियर के पवाया भितरवार में बीएसएफ की मदद से प्रशासन ने 24 लोगों को रात में सुरक्षित निकाल लिया है, जिसमें से अधिकतर बच्चे और महिलाएं थीं। अंधेरे और विपरीत परिस्थितियों में भी इस ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम देने वाले बीएसएफ के जवान अभिनंदन के पात्र हैं। दतिया के पाली गांव में फंसे 17 लोगों को सेना ने सुरक्षित निकाल लिया है। शिवपुरी के काली पहाड़ी से 20 लोगों को एनडीआरएफ ने रेस्क्यू किया तथा तापकेश्वर मंदिर से 11 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित निकाला गया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में बाढ़ की स्थिति को लगातार मॉनिटर कर रहा हूं। अभी आई जी चंबल, आईजी ग्वालियर और बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र के जिला प्रशासन से फोन पर चर्चा की है। सभी स्थानों पर रेस्क्यू ऑपरेशन तेजी से चल रहा है। रातभर चले रेस्क्यू ऑपरेशन में काफी लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है।
उन्होंने कहा कि कष्ट व कठिनाई ज़रूर है, लेकिन हमारे लिए यह परीक्षा की घड़ी है। रातभर जागकर हम यह कोशिश करेंगे कि जल्द से जल्द सभी को बचाया जाए। राहत की बात है कि कई जगह जलस्तर स्थिर है। बचाव दल जुटे रहें, यही हमारा धर्म और कर्त्तव्य है। मुझे विश्वास है कि आपके प्रयत्नों से हम अवश्य ही सफल होंगे।
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