– मुख्यमंत्री ने की राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति में की योजनाओं में ऋण वितरण की समीक्षा
भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना (Pradhan Mantri Svanidhi Yojana) में 117 प्रतिशत उपलब्धि प्राप्त हुई है। राष्ट्रीयकृत बैंकों द्वारा 94 प्रतिशत से अधिक प्रकरण स्वीकृत किए गए हैं। प्रदेश के 27 हजार 360 हितग्राहियों को द्वितीय किश्त की राशि स्वीकृत कर मध्यप्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है।
यह जानकारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) की अध्यक्षता में शनिवार को मंत्रालय में हुई राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक में दी गई। बैठक में बताया गया कि मध्यप्रदेश में भारत सरकार द्वारा योजना के लक्ष्य 4 लाख 5 हजार हितग्राहियों को लाभान्वित करने के मुकाबले प्रदेश में 4 लाख 75 हजार प्रकरण मंजूर किए गए हैं, इनमें से 4 लाख 38 हजार हितग्राही राशि प्राप्त कर लाभान्वित हो गए हैं।
बैंक स्तर पर शीघ्र मिले प्रकरणों की मंजूरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि रोजगार देने वाली योजनाओं के प्रकरणों की मंजूरी में समय न लगे, इसके लिए बैंकों के स्तर पर कार्य गति बढ़ाने की आवश्यकता है। परिवारों की आर्थिक दशा में सुधार लाने के प्रयासों को विभिन्न ऋण योजनाओं के माध्यम से फलीभूत किया जा सकता है। इसलिए ऐसे प्रकरणों की नियमित समीक्षा आवश्यक है।
उन्होंने विभिन्न योजनाओं में प्रकरणों की स्वीकृति और ऋण वितरण कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने प्रमुख रूप से मुद्रा योजना, शहरी आजीविका मिशन, प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, राष्ट्रीय पशुधन मिशन में ऋण आवेदनों की मंजूरी की स्थिति की जानकारी प्राप्त कर लंबित प्रकरणों के शीघ्र निराकरण के निर्देश दिए। बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव वित्त मनोज गोविल, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी, बैंकों के वरिष्ठ अधिकारी और समिति के सदस्य उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बैंक सभी योजनाओं में लक्ष्य पूर्ति के प्रयास करें। उन्होंने बैंकवार प्रगति की जानकारी लेते हुए कहा कि वित्त वर्ष के निर्धारित लक्ष्य को मार्च 2022 तक पूर्ण किया जाना है। शेष दो माह में सभी बैंक प्रकरण स्वीकृत करने का निर्धारित लक्ष्य पूरा करें, जिससे हितग्राही लाभान्वित हो सकें। यदि बैंकों की तरफ से प्रगति संतोषजनक नहीं है तो वे इस तथ्य से वित्त मंत्रालय और भारत सरकार को भी अवगत करवाएंगे। आवश्यक यह है कि बैंक स्तर पर मासिक लक्ष्य तय कर कार्य किया जाए। आगामी वित्त वर्ष से योजना ऐसी हो कि लोगों को रोजगार से जोड़ने के कार्यों में और भी तेजी लाई जाए।
उन्होंने कहा कि जिस तरह मध्यप्रदेश ग्रामीण बैंक ने मुद्रा योजना में 110 प्रतिशत उपलब्धि हासिल की है, अन्य बैंक भी ऐसे प्रयास करें। मध्यप्रदेश ग्रामीण बैंक वर्तमान वित्त वर्ष में 700 करोड़ रुपये से अधिक राशि वितरित कर चुका है। मध्यप्रदेश ग्रामीण बैंक की अच्छी प्रगति के लिए मुख्यमंत्री ने बधाई दी। अन्य बैंकों में प्रकरणों के निराकरण का प्रतिशत 45 से 65 प्रतिशत के मध्य है। मुख्यमंत्री ने इन प्रकरणों को तेजी से निपटाने और आगामी दो माह में बैंकों को लक्ष्य पूर्ति के निर्देश दिये।
25 फरवरी को रोजगार दिवस मनाया जाएगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में रोजगार के अवसर निरंतर बढ़ाए जा रहे हैं। आगामी 25 फरवरी को रोजगार दिवस मनाया जाएगा। ऐसा ही दिवस मार्च में भी मनाया जाएगा। मध्यप्रदेश मुद्रा योजना के क्रियान्वयन में देश में 9वें स्थान पर है। इस क्षेत्र में प्रदेश आगे बढ़ सकता है। उद्यम क्रांति योजना भी नए स्वरूप में शीघ्र ही लागू हो रही है। निजी बैंक भी शासकीय योजनाओं में सार्थक योगदान दे सकते हैं। किसान क्रेडिट कार्ड के कार्य में भी प्रगति की संभावनाएँ हैं। अनुसूचित जाति-जनजाति और पिछड़ा वर्ग के आवेदकों के ऋण प्रकरण के निराकरण के साथ ही इन वर्गों के लिए जागरूकता अभियान भी संचालित किया जाएगा।
बैठक में जानकारी दी गई कि प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना में मध्यप्रदेश सबसे आगे है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरी और ग्रामीण स्ट्रीट वेण्डर्स के कल्याण के लिए अच्छा कार्य हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों के स्ट्रीट वेण्डर्स की सहायता के लिए प्रयासों को बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यह आवश्यक है कि स्ट्रीट वेण्डर्स को यह समझाइश दी जाए कि यदि वे ऋण राशि समय पर लौटाते हैं तो आगामी ऋण के रूप में उन्हें व्यवसाय उन्नयन के लिए दोगुनी राशि दिए जाने का प्रावधान है।
उन्होंने पशु और मत्स्य पालकों की सहायता के लिए ऋण प्रकरण की मंजूरी का कार्य भी तेजी से करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मार्च माह में शिविर लगाकर ऐसे प्रकरण मंजूर किए जाये। बैठक में सीएम हेल्पलाइन पोर्टल पर बैंकों से जुड़ी समस्याओं के निराकरण की जानकारी भी दी गई है। बताया गया कि एक जनवरी 2022 तक 9 हजार 629 शिकायतों का निराकरण किया गया है। (एजेंसी, हि.स.)
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved