ग्वालियर। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के ग्वालियर (Gwalior) में 10वीं की छात्राओं (10th class girls) द्वारा बोर्ड परीक्षा (Board exam) के दिन एग्जाम सेंटर के बाहर धरना देने का मामला सामने आया है। दरअसल आज एमपी बोर्ड की दसवीं का हिन्दी का पेपर है और स्कूल प्रशासन का आरोप है कि ये छात्राएं एग्जाम सेंटर पर देर से पहुंची हैं। इस कारण उन्हें पेपर देने के लिए अंदर नहीं जाने दिया गया। जबकि छात्राओं का कहना है कि वे सुबह 8:22 पर एग्जाम सेंटर आ गई थीं, लेकिन उनको ग्वालियर के शासकीय पद्मा विद्यालय स्कूल (Government Padma Vidyalaya School) में एंट्री नहीं दी गई। जानिए क्या है पूरा मामला।
घटना ग्वालियर के शासकीय पद्मा विद्यालय स्कूल की है। आरोप लगाया है कि परीक्षा अधिकारियो की हठ धार्मिता के चलते 26 छात्राएँ आज अपना पहला पेपर नही दे पाई हैं। छात्राओं का दावा है कि वे सुबह 8:22 पर आ गई थीं, लेकिन उनको ग्वालियर के शासकीय पद्मा विद्यालय स्कूल में एंट्री नहीं दी गई। उनसे कहा गया कि आप लेट है। अंदर नहीं जाने के कारण बच्चे स्कूल के मेन गेट की मुख्य सड़क कंपू पर रोड़ पर धरने पर बैठ गए।
धरने पर बैठे बच्चों ने कहा कि जब तक उनको परीक्षा नहीं देने दी जाएगी, तब तक वे यहां से हटने वाले नहीं है। परीक्षा देने आए बच्चों में एक बच्ची ऐसे भी है, जो सीधे अस्पताल से बिना डिस्चार्ज के केवल परीक्षा देने के लिए आई हुई है। उसे भी परीक्षा नहीं देने दी जा रही है। स्कूल शिक्षा अधिकारी का कहना है कि बच्चे लेट आए थे, जिसके कारण उन्हें एंट्री नहीं दी गई है। 8.45 तक बच्चों की परीक्षा सेंटर पर एंट्री है। हालांकि प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। शिक्षा अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए हैं। बीच का रास्ता निकालने की कोशिश कर रहे हैं।
बच्चों को हटाने के लिए पुलिस फोर्स, प्रशासनिक अफसर और जिला शिक्षा अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। बातचीत करके और जून में उनका ये पेपर दिलाने के आश्वासन के बाद बच्चे घर लौटे। गौरतलब है कि आज से मध्य प्रदेश में दसवीं की बोर्ड परीक्षा शुरू हो गई है और आज पहला पेपर था, लेकिन 26 छात्र-छात्राएं आज परीक्षा देने से वंचित हो गए।परीक्षा छूटने से कुछ छात्राएं रोती नजर आई तो कुछ आकर्षित होकर सड़क पर धरने पर बैठ गई।
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