58 फीसदी स्कूलों का डेटा ही शिक्षा विभाग के पोर्टल पर हो सका अपलोड, अधिकांश स्कूलों ने बढ़ा दी फीस ब्योरा न देने वाले स्कूलों पर अब प्रशासन करेगा जुर्माना आरोपित करने सहित अन्य कार्रवाई
इंदौर। पिछले दिनों शिक्षा विभाग (education Department) ने इंदौर (Indore) सहित प्रदेशभर (statewide) के निजी स्कूलों (private schools) को निर्देश दिए कि वे अपनी फीस (fees) का ब्योरा विभागीय पोर्टल पर अपलोड करें। उसके लिए हालांकि समय सीमा भी बढ़ाकर 24 जून की गई। मगर इंदौर के 1040 निजी स्कूल ऐसे निकले जिन्होंने फीस का ब्योरा अपलोड नहीं किया और 1434 स्कूलों ने ही ये ब्योरा दिया है और उसके मुताबिक अधिकांश स्कूलों ने इस शिक्षण सत्र से फीस वृद्धि भी कर दी। अब बचे 42 फीसदी स्कूलों के खिलाफ शिक्षा विभाग कार्रवाई करेगा, जिन्होंने फीस का ब्योरा नहीं दिया है। इंदौर जिले में 2474 निजी स्कूल मौजूद हैं और इन सभी को पोर्टल पर फीस का ब्योरा तय समय तक अपलोड करना था। अब जुर्माना सहित अन्य कार्रवाई प्रशासन और शिक्षा विभाग करेगा।
शिक्षा विभाग ने 2018 के शुल्क विनियमन अधिनियम के अनुसार पोर्टल पर सभी निजी स्कूलों से यह ब्योरा मांगा था। दरअसल शिक्षण सत्र की शुरुआत से ही इस बात का हल्ला मचता है कि निजी स्कूलों द्वारा जहां मनमानी फीस वृद्धि कर दी जाती है, वहीं कॉपी, किताबें, यूनिफॉर्म और अन्य शैक्षणिक सामग्रियों की बिक्री भी निर्धारित संस्थानों के जरिए कराई जाती है, जो कि बाजार से कई गुना अधिक कीमत पर बिकती है। हालांकि सभी कलेक्टरों द्वारा धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए जाते हैं। बावजूद इसके स्कूलों की मनमानी खत्म नहीं होती। इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने जहां शिक्षा का अधिकार अधिनियम का लाभ न देने पर शहर के एक चर्चित स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की थी। वहीं सभी निजी स्कूलों से फीस का ब्योरा भी पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश दिए और बकायदा शिक्षा विभाग ने भी इस आशय का आदेश जारी किया। प्रदेशभर में 33 हजार से अधिक निजी स्कूल हैं, जिनमें से 17900 निजी स्कूलों ने ही अपने द्वारा ली जाने वाली फीस की जानकारी पोर्टल पर अपलोड की। इंदौर जिले की बात करें तो शिक्षा विभाग के मुताबिक 2474 निजी स्कूलों में से 1434 स्कूलों ने ही अभी पोर्टल पर डाटा अपलोड किया है और 1040 निजी स्कूल ऐसे हैं जिन्होंने यह डाटा नहीं अपलोड किया। वहीं जिन स्कूलों ने अपना डाटा दिया उसके अवलोकन से भी पता लगता है कि इनमें से अधिकांश स्कूलों ने अपनी फीस इस शिक्षण सत्र से बढ़ा दी है। पहले 8 जून तक यह ब्योरा मांगा था। उसके बाद इसकी समय सीमा बढ़ाकर 24 जून की गई, जो कि अभी सोमवार को समाप्त भी हो गई। लगभग 42 फीसदी निजी स्कूलों ने अपनी फीस का ब्योरा नहीं दिया है। अब इनके खिलाफ जुर्माना वसूली से लेकर अन्य कार्रवाई की जाएगी, जिसमें 10 हजार रुपए का जुर्माना शामिल है। इंदौर में 160 सीबीएसई निजी स्कूल हैं और 2000 से ज्यादा निजी स्कूल बोर्ड संचालित हैं।
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