इंदौर (Indore)। पिछले दिनों केन्द्र सरकार (central government) के कपड़ा मंत्रालय (ministry of textiles) ने देशभर में बनने वाले 7 पीएम मित्र मेगा टेक्सटाइल पार्क (Textile Park) मंजूर किए, जिनमें एक पार्क मध्यप्रदेश के धार जिले में स्थित भैंसोला की डेढ़ हजार एकड़ जमीन पर विकसित होगा। अब 21 मई को केन्द्र और मध्यप्रदेश सरकार के बीच इस पार्क को लेकर एमओयू साइन किया जाएगा, जिसमें मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान और केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल मौजूद रहेंगे। केन्द्र सरकार दो चरणों में 500 करोड़ रुपए की विकास पूंजी इस पार्क के लिए देगी।
एमपीआईडीसी ने 1563 एकड़ जमीन पहले से ही इस पार्क के लिए चिन्हित कर रखी है, जिसमें अभी जमीन को समतल करने और डेढ़ किलोमीटर लम्बी 6 लेन की एप्रोच रोड बनाने के लिए 32 करोड़ के टेंडर भी बुलवा लिए हैं। वहीं सडक़, बिजली, पानी सहित अन्य सुविधाओं को विकसित करने के लिए भी डीपीआर तैयार की जा रही है। वहीं लगभग एक दर्जन बड़ी टेक्सटाइल और गारमेंट कम्पनियों ने निवेश की इच्छा भी जाहिर की है। लिहाजा उनके साथ भी इस अवसर पर प्रदेश सरकार एमओयू साइन करेगी। अभी पिछले दिनों प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश विभाग मनीष सिंह एवं नवागत प्रबंध संचालक एमपीआईडीसी नवनीत मोहन कोठारी ने टेक्सटाइल पार्क के लिए चिन्हित की गई जमीन का अवलोकन भी किया।
250 करोड़ रुपए के निवेश के साथ •ाील रैन वियर गारमेंट फैक्ट्री भी स्थापित होगी, जिसे 17 हेक्टेयर जमीन आवंटित की गई है। पिछले दिनों केन्द्र सरकार ने देशभर में 7 राज्यों को ये मेगा टेक्सटाइल गारमेंट पार्क की सौगात दी है। इस घोषणा के बाद मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने ट्वीट करते हुए इसे प्रदेश के लिए एक बड़ी सौगात बताया और प्रधानमंत्री का अभिनंदन भी किया। पूर्व में दो बार एमओयू की तारीख तय की गई। मगर अब 21 मई को एमओयू किया जाना तय किया गया है। गंधवानी में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, जिसमें लाडली बहना योजना का कार्यक्रम तो रखा ही रखा है, उसके साथ केन्द्र और राज्य शासन के बीच इस टेक्सटाइल पार्क का एमओयू भी साइन किया जाएगा। मुख्यमंत्री के साथ उनके विभागीय मंत्री, अधिकारी तो मौजूद रहेंगे ही, वहीं केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल भी एमओयू साइन करने आ रहे हैं। एमपीआईडीसी के क्षेत्रीय प्रबंधक रोहन सक्सेना के मुताबिक धार जिले के भैंसोला गांव में 1563 एकड़ जमीन पर यह पीएम मित्र मेगा टेक्सटाइल पार्क विकसित किया जाएगा। अधिकांश जमीनें सरकारी ही है। लिहाजा भू-अर्जन की परेशानी भी नहीं रही। थोड़ी-सी जमीन बीच-बीच में कुछ निजी है, तो उनके साथ कोर्डिनेशन कर लिया जाएगा। अभी पिछले दिनों एमपीआईडीसी ने डेढ़ हजार एकड़ जमीन को समतल करने और एप्रोच रोड बनाने के लिए 32 करोड़ रुपए के टेंडर भी बुला लिए हैं।
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