इन्दौर। अपने मासूम बेटे को बोलना सिखाने के लिए एक मां ने कलेक्टर के समक्ष गुहार लगाई। सालों से मां शब्द सुनने के लिए तरसती मां ने अब तक बच्चे को स्पीच थैरेपी दिलाने के लिए हजारों रुपए खर्च कर दिए। नंदानगर से एम.वाय. अस्पताल और जिला अस्पताल भटक रही मां कलेक्टर के पास पहुंची।
वीना चौधरी निवासी नंदानगर बेटे कृष्णा को उसकी जन्मजात बीमारी लूज सिन्ड्रोम से निजात दिलाने के लिए दर दर भटक रही है। कलेक्टर के समक्ष गुहार लगाते हुए कृष्णा की मां ने बताया कि हर माह आठ से नौ हजार रुपए का खर्च करके बच्चों को बोलना सिखाने की कोशिश कर रही है, लेकिन पति की तनख्वाह इतनी नहीं है कि वह अब खर्च उठा सके। कलेक्टर इलैयाराजा टी ने जिला अस्पताल में स्थित थैरेपी की व्यवस्था कराने के निर्देश देते हुए अधिकारियों को फटकार लगाई कि सरकार ने अस्पताल खोल रखे हैं, आप सिर्फ सुविधाएं नहीं जुटा सकते।
साम्प्रदायिकता फैला रहा समाज
जनसुनवाई में पहुंचे 300 से अधिक आवेदनों में कलोता समाज द्वारा बलाई समाज का बहिष्कार करने का एक अजीब मामला भी पहुंचा। जहां आवेदक सतीश चौहान पिता प्रकाश चौहान ने जम्बूर्डीहप्सी तहसील हातोद में दो माह पूर्व हुए छोटे से विवाद के बाद असामाजिक तत्वों द्वारा बलाई समाज का बहिष्कार करने की शिकायत कलेक्टर से की। सतीश ने बताया कि बलाई समाज के लोगों को किराना सामान देने, मंदिर आने जाने, दुकानों से व्यवसाय करने जैसी सभी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। आवेदक ने बताया कि उसकी सायकल रिपेयरिंग और पंचर की दुकान है, जो कि उसका एकमात्र आजीविका का साधन है, लेकिन असामाजिक तत्वों ने उसकी दुकान को भी बंद करवा दिया। कलेक्टर ने जांच के निर्देश दिए।
प्रधानमंत्री आवास योजना के मकान नहीं मिले
नगर निगम द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत विकसित किए गए सतपुड़ा परिसर का निर्माण लम्बे समय से अटका होने के कारण आवेदक तीन साल से पजेशन के लिए भटक रहे हैं। नगर निगम के खिलाफ शिकायत करते हुए आवेदकों ने बताया कि आवास का सौदा करते समय निगम ने छह माह में पजेशन का आश्वासन दिया था। कोविड का बहाना बनाकर टाल रहे अधिकारी तीन साल से निर्माण पूरा नहीं कर पा रहे हैं।
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