नशामुक्ति केंद्र ने कर दिया मानसिक इलाज, बेटे की हालत बिगड़ी, कलेक्टर करा रहे जांच
इंदौर। नशामुक्ति केंद्र (Drug de-addiction center) द्वारा बेटे का मानसिक इलाज किए जाने के बाद बिगड़ी हालत को लेकर न्याय नहीं मिलने के चलते एक मां कलेक्टर कार्यालय के गेट पर धरने पर बैठी। जिसे देख कलेक्टर ने खुद जाकर मां की आपबीती जानी और जांच के लिए कमेटी गठित कर दी।
पुष्पाराज पति दुर्गाप्रसाद निवासी पंचशीलनगर इंदौर ने 30 साल के बेटे सोनू राज कीमानसिक स्थिति ठीक नहीं होने की शिकायत के चलते कलेक्टर से न्याय की गुहार लगाई है। मां ने अपने बेटे की मानसिक स्थिति की जानकारी देते हुए कलेक्टर को बताया कि नवलखा स्थित नशामुक्ति केंद्र में बच्चे के इलाज के नाम पर उससे 50 हजार रुपए की ठगी की है। पांच महीने ने नशामुक्ति केंद्र ने बेटे के इलाज के नाम पर 50 हजार रुपए वसूल लिए हैं। घर गिरवी रखकर बेटे का इलाज कराया, लेकिन इलाज से लाभ होने के बजाए बच्चे की स्थिति और बिगड़ गई। एरोड्रम थाने कमिश्नर कार्यालय और डीएसपी के पास शिकायत करने के बावजूद भी जब न्याय नहीं मिला तो महिला कलेक्टर के कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गई, जिसे देख कलेक्टर ने जांच कमेटी गठित की। मानसिक चिकित्सालय डा. विजय निरंजन, डा. निधि बुखरिया, भिक्षुक प्रवेश केंद्र के प्रभारी अधीक्षक राजेश मिश्रा उक्त मामले की तकनीकी रूप से जांच कर एक दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।
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