
- 8 मामला 9 केंद्रीय विद्यालय के छात्र नैतिक की मौत का, मुख्यमंत्री को हुई शिकायत
उज्जैन। केंद्रीय विद्यालय के छात्र नैतिक की मौत के मामले में अब स्थानीय पुलिस के खिलाफ ही शिकायतों का दौर शुरू हो गया है। मामले में एक आवेदन प्रदेश के मुख्यमंत्री तक पहुँचा हैं। इसमें स्थानीय पुलिस पर हत्या को आत्महत्या में बदलने और मामले को रफा दफा करने तक के आरोप लगे हैं।
उल्लेखनीय है कि राज रॉयल्स निवासी और केंद्रीय विद्यालय के छात्र नैतिक पाल की मौत को पुलिस ने भले ही आत्महत्या घोषित किया हो, लेकिन उनकी माँ दिव्या पति प्रकाश पाल अभी भी यह मानने को तैयार नहीं हैं। उनका मानना है कि मेरे बेटे ने आत्महत्या नहीं की, उसकी हत्या हुई है। बावजूद पुलिस इसकी जाँच नहीं कर रही है। इसी के चलते अब दिव्या पाल ने अपने बेटे को न्याय दिलाने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को शिकायत की है। उक्त शिकायती आवेदन में प्रदेश के मुख्यमंत्री से गुहार लगा रही माँ अपने बेटे के हत्यारों को सजा दिलाने की माँग कर रही है। आवेदन में दिव्या पाल ने पंवासा पुलिस की कार्यप्रणाली पर संदेह जताते हुए निष्पक्ष जाँच कर दोषियों पर कानूनी प्रक्रिया के तहत दंड दिए जाने की माँग की है।
कुछ ऐसी हालत में मिला था शव
बता दें कि कुछ दिन पहले सुबह पंवासा थाना पुलिस को मक्सीरोड स्थित एफसीआई गोदाम के समीप छात्र के मृत अवस्था में पड़े होने की सूचना मिली थी। पुलिस घटना स्थल पर पहुँची तो केंद्रीय विद्यालय में पढऩे वाला 11वीं का छात्र नैतिक मृत अवस्था में मिला। उसका शव पेड़ से टिका हुआ था और गले में रस्सी बंधी हुई थी। इसके अलावा उसके चहरे पर कपड़ा बंधा हुआ था और उसके मुंह में रूमाल ठूंसा मिला था। शव की अवस्था देखकर प्रथम दृष्टया यह प्रतीत हो रहा था कि किसी ने उसकी हत्या कर आत्महत्या बताने के लिए उसे इस अवस्था में मारकर छोड़ दिया है।
- शंका की सुई इस कारण उठ रही है पुलिस ने हमारे बयान नहीं लिए।
- मामला पोस्टमार्टम रिपोर्ट को आधार बनाकर सीधे आत्महत्या का बता दिया गया।
- आत्महत्या के तरीकों या मौके की स्थिति का, फारेंसिक जाँच का खुलासा क्यों नहीं किया।
- घटना के दिन के घटना स्थल के आसपास या इस ओर जाने वाले सीसीटीवी फुटेज नहीं देखे गए।
- बेटे के दोस्त या साथ पढऩे वालों की लोकेशन या फोन रिकॉर्ड की जाँच नहीं की गई।
- कुछ दिनों पूर्व मेरे पुत्र नैतिक ने मुझे यह बताया था कि, उसकी लड़ाई उसके स्कूल के किसी विद्यार्थी से हुई थी और इंस्टाग्राम के मैसेज के जरिये उसने अपने स्कूल के एक मित्र को पाण्ड्याखेड़ी ब्रिज पर पहुँचने की खबर दी थी। पुलिस ने इस बात का अनदेखा किया है।
- पुलिस ने सीधे मामले को आत्महत्या क्यों बताया इसका जवाब कोई नहीं दें रहा है।