गढ़वाः झारखंड के गढ़वा जिले के भवनाथपुर थाना क्षेत्र मे निजी फाइनेंस बैंक से कर्ज लेना एक महिला को महंगा पड़ गया. कर्ज की राशि वापस नहीं करने पर उसके बेटे को कर्मियों ने 14 दिनों तक बंधक बानकर रखा. इस दौरान कर्मियों द्वारा कथित तौर पर बच्चे को मारने का प्रयास किया गया. वहीं कई तरह की यातनाएं भी दी गईं. इस मामले का संज्ञान मिलने पर एसडीपीओ ने बच्चे को मुक्त कराते हुए भवनाथपुर थाने मे मामला दर्ज कराया. बंशिधर नगर एसडीपीओ सतेन्द्र सिंह व स्थानीय लोगों के पहल पर लड़के को मुक्त कराया गया.
नाबालिग की मां आशा देवी के लिखित आवेदन के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दो नामजद व एक अज्ञात के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज किया. प्राथमिकी दर्ज होने के एक घंटे के अंदर शाखा प्रबंधक निगम यादव को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकी बैंक कर्मचारी के विरुद्ध छापेमारी जारी है. अपहृत युवक अनिश कुमार भवनाथपुर थाना क्षेत्र के रोहिणीया गांव निवासी संतोष राम का पुत्र है. श्री बंशीधर नगर शहर के हेन्हों मोड़ के निकट संचालित सेटिंग माइक्रो फाईनेंस बैंक में मामला सामने आया है.
हालांकि स्थानीय लोगों के हस्तक्षेप एवं बच्चे की मां के द्वारा किसी तरह जुगाड़ कर 3 हजार रुपये बैंक मैनेजर को देने के बाद बच्चे को मुक्त किया गया. उक्त बैंक मैनेजर के द्वारा 14 दिनों तक नाबालिग बच्चे को बैंक में रखा गया तथा उससे काम लिया गया. यहां तक की उससे जूठा बर्तन भी साफ कराया गया. साथ ही शराब की बोतलें भी फेंकवाई जाती थीं. इस दौरान उसकी मां ने बैंक पहुंच कर बैंक कर्मियों से अपने कलेजे के टुकड़े को छोड़ने की गुहार लगाई. लेकिन कर्मियों ने उनकी एक नहीं सुनी.
इसकी भनक जब स्थानीय लोगों को लगी तो लोगों ने बैंक पहुंच कर नाबालिग को मुक्त करने का दबाव बनाया तो बैंक कर्मियों में हड़कंप मच गया. बैंक कर्मियों के द्वारा बच्चे की मां से 3 हजार रुपये लेकर एवं शेष राशि को वापस करने के लिये लिखित लेकर बच्चे को मुक्त कर दिया. उधर बैंक कर्मचारी से मुक्त होने के बाद शुक्रवार को आशा देवी ने थाने पहुंच कर अपहरण का मामला दर्ज कराया. नाबालिग अनिश कुमार ने अपहरण से मुक्त होने के बाद बताया कि घर पर मैं और बड़ी दीदी थे.
इस दौरान बैंक कर्मी निगम यादव आए और मां को खोजने लगे मां घर पर नहीं थी. गांव में मां को खोजने के बहाने गाड़ी में बैठाकर बंशीधर नगर हेनहो मोड़ के पास ब्रांच में ले गए, जहां बंधक बना लिया गया. बताया कि एक सप्ताह तक तो ठीक से रहे, उसके बाद बैंक कर्मचारी मारपीट करने लगे, साथ ही गला भी दबाने लगे, कपड़ा साफ करने औप बर्तन साफ करने के लिए बोलते थे और शराब पीने के बाद बोतल भी फेकवाते थे. इतना ही नहीं धमकी दिया करते की पैसा नहीं जमा करवाओगे तो किडनी और आंख निकाल कर बेच देंगे.
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